Lok Sabha Election: चुनाव जीतने के बाद भी कांग्रेस उम्मीदवार की जमानत जब्त, पढ़ें यूपी के पहले चुनाव का रोचक किस्सा
UP Politics: देश में 18वें लोकसभा चुनाव का एलान अगले कुछ ही दिनों में होने वाला है. लेकिन अब तक देश में हुए 17 लोकसबा चुनावों से जुड़े कुछ रोचक किस्से निकल कर बाहर आ रहे हैं.
Lok Sabha Election 2024: आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी हर पार्टी अपने-अपने स्तर पर कर रही है. लेकिन इन तैयारियों के बीच बीते लोकसभा चुनाव के कुछ रोचक आंकड़े भी सामने आ रहे हैं. देश में अब 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव होगा यानी अब तक 17 लोकसभा चुनाव देश में हो चुके हैं. ऐसे में अब जमानत जब्त होने को लेकर एक रोचक जानकारी सामने आई है.
पहले हम जानते हैं कि जमानत जब्त होने का मतलब क्या है? दरअसल, लोकसभा और विधानसभा का चुनाव जो व्यक्ति लड़ रहा होता है उसे नामांकन के वक्त एक निश्चित राशि भारत निर्वाचन आयोग के पास जमा करनी होती है. लोकसभा चुनाव में ये राशि 25 हजार होती है और विधानसभा चुनाव में ये राशि 10 हजार होती है. अब चुनाव के बाद रिजल्ट आने पर प्रत्याशी को अगर कुल वोटों का छठवां हिस्सा नहीं मिला तो जमा की गई राशि जब्त हो जाती है.
इस सीट से जुड़ा है किस्सा
अकसर ऐसा हारने वाले उम्मीदवारों के साथ ही होता है. लेकिन देश के पहले आम चुनाव से जुड़ा ऐसे रोचक किस्सा है तब चुनाव जीतने वाले उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई थी. 1952 में देश में पहला आम चुनाव हुआ था और उसके साथ ही कई राज्यों में विधानसभा चुनाव भी हुए थे. इस दौरान यूपी के आजमगढ़ की सगड़ी पूर्व विधानसभा सीट पर जो हुआ वो अब तक के सभी चुनाव के इतिहास में एक अलग उदाहरण है.
इस सीट पर चुनाव के दौरान कुल 83,438 वोटर्स रजिस्टर्ड थे, लेकिन इसमें से केवल 32,378 वोटर्स ने ही वोट किया था. तब इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार ने जीत दर्ज की. कांग्रेस उम्मीदवार को 4,969 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर निर्दलीय उम्मीदवार शंभूनारायण थे, जिन्हें 4,348 वोट मिले थे. लेकिन जीत के बाद भी कांग्रेस उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई थी क्योंकि जीत के बाद भी उसे कुल वोटों की छठवां हिस्सा नहीं मिला था.