Labharthi Vote Bank in UP Bjp: लोकसभा चुनाव के चार महीने पहले मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मिली जीत के साथ ही तेलंगाना में सीटों की बढ़त से भारतीय जनता पार्टी उत्साहित है. पार्टी की यूपी इकाई ने साल 2024 के सामान्य चुनावों के लिए कमर कस ली है. मिशन 80 को लेकर भारतीय जनता पार्टी पहले ही सधी हुई रणनीति पर काम कर रही है. हालांकि अब इस रणनीति में कुछ नई चीजों पर भी काम किया जाएगा. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को शिवराज सरकार की लाडली बहना का जमकर लाभ मिला. ऐसे में पार्टी यूपी में भी राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश करेगी. 


आंकड़ों की मानें तो यूपी में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में 2.16 करोड़, उज्जवला योजना में 1.75 करोड़, सौभाग्य योजना के 1.56 करोड़, प्रधानमंत्री आवास योजना के 55 लाख, पीएम स्वनिधि योजना के 10.33 लाख, स्वच्छा भारत मिशन के 2.61 करोड़ और मुफ्त राशन की योजना में 15 करोड़ लाभार्थी हैं.


अब बीजेपी और यूपी सरकार की कोशिश है कि वह जाति और अन्य मद्दों से ऊपर उठकर लाभार्थी वोटबैंक को अपने पाले में लाए.


बीजेपी की यूपी इकाई साल 2014 के बाद से ही लाभार्थियों को प्राथमिक वोटबैंक के तौर पर देख रही है. बीजेपी को साल 2019 के आम चुनावों में इसका परिणाम भी मिला. बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के गठबंधन के बाद भी बीजेपी 62 सीटें जीती थीं. बीजेपी की सहयोगी अपना दल को 2 सीटें मिली थीं. 


इतना ही नहीं साल 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में भी इन्हीं लाभार्थियों के दम पर लड़ी और विपक्ष को करारी हार मिले. बीजेपी ने उस चुनाव में 255 सीटें हासिल की थी. 


ऐसे में बीजेपी का मानना है कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में वह धर्म और जाति के अलावा लाभार्थी वोट बैंक के सहारे जनता तक पहुंच सकती है और अपना मिशन 80 पूरा करने में सफल होगी. इसके लिए बीजेपी ने कार्यकर्ताओं को संदेश भी पहुंचा दिया है कि योजनाओं के मुद्दे पर जनता से संवाद करें और उन तक सरकारी योजनाओं को पहुंचाने में मदद करें.