Lok Sabha Election 2024: सोनिया गांधी और राहुल गांधी कभी नहीं तोड़ पाए परिवार का रिकॉर्ड, हर धुरंधर फेल
UP Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने अब तक चार सीटों पर उम्मीदवारों का एलान नहीं किया है. इसमें कांग्रेस का पुराना गढ़ अमेठी और रायबरेली भी है.
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव का एलान हुए करीब 20 दिन होने गए हैं लेकिन अभी तक कांग्रेस अमेठी के लिए अपना चेहरा तय नहीं कर पाई है. शायद यह पहली बार है जब पार्टी को अमेठी में प्रत्याशी के नाम का एलान करने के लिए इतना लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. अभी भी राजनीति के जानकार तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं.
दरअसल, अमेठी में बीते चुनाव के दौरान बीजेपी के टिकट पर स्मृति ईरानी ने जीत दर्ज की थी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी चुनाव हार गए थे. लेकिन अब अमेठी के चुनावी इतिहास पर नजर डालें तो इस सीट पर सबसे ज्यादा बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड राहुल गांधी और उनके पिता, भूतपूर्व पीएम राजीव गांधी के नाम रहा है. दोनों ने इसी सीट पर लगातार तीन चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की थी.
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तीन बार जीते भूतपूर्व पीएम
भूतपूर्व पीएम राजीव गांधी के नाम अभी तक अमेठी में सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से चुनाव जीतने का रिकॉर्ड भी है. लेकिन सबसे खास बात है कि उनके इस रिकॉर्ड को उनकी पत्नी सोनिया गांधी और बेटे राहुल गांधी भी नहीं तोड़ पाए हैं. साल 1981 में जब राजीव गांधी ने यहां पहला चुनाव लड़ा था, तब उन्होंने 2,37,696 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी. यह चुनाव कांग्रेस नेता और तत्कालीन सांसद संजय गांधी के निधन के बाद हुआ था.
राजीव गांधी ने पहली बार इस सीट पर शरद यादव को हराकर चुनाव जीता था. इसके बाद वह लगातार तीन बार अमेठी से चुनाव जीते थे. लेकिन सबसे बड़ी जीत उन्होंने साल 1984 में 3,14,878 वोटों के अंतर से दर्ज की थी. तब उन्होंने अपनी संजय गांधी की पत्नी मेनका गांधी को चुनाव हराया था. अब करीब 40 साल बात भी यह रिकॉर्ड कोई नहीं तोड़ पाया है.
साल 1999 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी ने चुनाव लड़ा था. यह उनका पहला लोकसभा चुनाव था और उन्होंने इस चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार संजय सिंह को 3,00,012 वोटों के अंतर से हराया था. इसके बाद साल 2004 से साल 2014 तक तीन चुनाव राहुल गांधी भी जीते लेकिन अपने पिता का रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाए थे, यानी इस सीट पर अब तक हर धुरंधर वो रिकॉर्ड तोड़ने में फेल रहा है.