नगीना, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश की नगीना लोकसभा एक सुरक्षित सीट है। अभी तक इस सीट पर सपा और भाजपा ने जीत का परचम लहराया है। कांग्रेस को इस सीट पर भी अभी तक सफलता नहीं मिली है। नगीना सीट पर मुस्लिम वोटरों की संख्या बहुत अधिक है। ऐसे में सपा-बसपा के गठबंधन के चलते यहां मुकाबला और दिलचस्प हो गया है। बता दें कि नगीना लोकसभा सीट साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी। इसके बाद साल 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में यहां पहली सफलता समाजवादी पार्टी को मिली। उसके बाद 2014 में यहां भी मोदी लहर का असर देखने को मिला और भाजपा ने इस सीट पर जीत हासिल कर ली। इस बार के लोकसभा चुनाव में यहां मुकाबला दिलचस्प हो गया है।
नगीना का इतिहास
नगीना लोकसभा सीट का इतिहास पुराना नहीं है। पहले ये हिस्सा बिजनौर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत ही आता था। 2008 में हुए परिसीमन के दौरान इसे अलग क्षेत्र बनाने की मांग शुरू हुई और 2009 के लोकसभा चुनाव में इसे अलग कर दिया गया। 2009 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के यशवीर सिंह ने यहां पर जीत दर्ज की। लेकिन अगले ही चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2014 में बीजेपी ने यहां धमाकेदार एंट्री की और यशवंत सिंह ने बड़े अंतर से विरोधियों को चित किया।
सियासी समीकरण
नगीना लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट है, यहां करीब 21 फीसदी एससी वोटर हैं। यहां आने वाली सभी विधानसभा सीटों का हिसाब लगाएं तो करीब 50 फीसदी से अधिक मुस्लिम वोटर हैं। यही कारण है कि राजनीतिक लिहाज से ये सीट अहम है। इस सीट पर कुल 14,93,411 मतदाता हैं। इनमें 7,95,554 पुरुष और 6,97,857 महिला वोटर हैं। 2014 में इस सीट पर 63.1 फीसदी वोट डाले गए थे, इनमें से 6,470 वोट NOTA को पड़े थे।
नगीना लोकसभा में विधानसभा का गणित
नगीना लोकसभा क्षेत्र में कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें नजीबाबाद, नगीना, धामपुर, नहटौर और नूरपुर की सीट शामिल है। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में तीन सीटें भारतीय जनता पार्टी और दो सीटें समाजवादी पार्टी के पास गई थीं। 2018 में नूरपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ, जिसमें समाजवादी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी को हराकर जीत दर्ज की थी। नूरपुर का उपचुनाव कैराना के उपचुनाव के साथ ही हुआ था।
ये था जीत का अंतर
कौन हैं यशवंत
नगीना से दलित सांसद यशवंत सिंह ने हाल ही में सुर्खियां बटोरी थीं जब उन्होंने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। यशवंत सिंह सांसद चुने जाने से पहले दो बार विधायक भी रह चुके हैं। 2007 में उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार में वह राज्य सरकार में मंत्री भी बने थे।
इस बार ये दिग्गज मैदान में
नगीना लोकसभा सीट पर इस बार सपा-बसपा गठबंधन से गिरीश चंद्र मैदान में हैं। वहीं, भाजपा ने इस बार डॉ. यशवंत पर दांव लगाया है। कांग्रेस ने यहां से ओमवती देवी जाटव को मैदान में उतारा है।
Lok sabha Elections 2019 Nagina Constituency History and Politics
Vikas Jangra
Updated at:
18 Apr 2019 11:24 AM (IST)
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