Lok Sabha Elections 2024: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की चुनावी सभाओं में भीड़ और अव्यवस्था को लेकर राजनीति गरमा गई है. भारतीय जनता पार्टी ने सपा अध्यक्ष को भीड़ को नियंत्रित नहीं रख पाने का आरोप लगाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीएम योगी आदित्यनाथ तक ने इस पर सवाल उठाए हैं तो वहीं इस मुद्दे पर अखिलेश यादव ने पलटवार किया और इसके लिए बीजेपी को ही जिम्मेदार बताया है. 


सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी जनसभाओं में भीड़ के बेकाबू होने, हंगामा और उपद्रव की स्थिति के लिए बीजेपी को ही जिम्मेदार बताया. अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बीजेपी के लोग कपड़े बदलकर और लाल गमछा पहनकर हमारे कार्यक्रमों में आ रहे हैं और कार्यक्रम को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. 


अखिलेश यादव ने लगाया आरोप
अखिलेश यादव ने इस दौरान प्रशासन पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था मुहैया नहीं कराने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जनसभा में उमड़ी भीड़ को देखते हुए मौके पर पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी जा रही है. इसलिए इस तरह की भी अव्यवस्था देखने को मिल रही है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से पहले उनके चचेरे भाई और आजमगढ़ से सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव ने भी इसी तरह की बात कही थी.


धर्मेंद्र यादव ने सपा की सभाओं में उमड़ी भीड़ द्वारा बैरिकेडिंग तोड़ने की घटना को युवाओं का उत्साह बताया और कहा कि ये हमारे नेता की लोकप्रियता है कि लोग उनसे मिलने के लिए बेक़ाबू हो रहे हैं वहीं उपद्रव की स्थिति को लेकर सपा नेता ने भी प्रशासन पर पर्याप्त सुरक्षा नहीं देने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा कि पुलिस के पास पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों को लेकर इंटेलिजेंस इनपुट होता है फिर भी प्रशासन पर्याप्त सुरक्षा मुहैया नहीं करा रहा है. 


सपा की सभाओं में हंगामा
पिछले दिनों 19 मई को इलाहाबाद व फूलपुर लोकसभा सीट पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और राहुल गांधी की जनसभा थी, जिसमें भीड़ बेकाबू हो गई और बैरिकैडिंग तोड़कर मंच के पास तक पहुंच गई. इसी तरह संत कबीर नगर और आजमगढ़ में भी अखिलेश यादव की सभाओं में हंगामा देखने को मिला. आज़मगढ़ में तो भगदड़ की स्थिति हो गई जिसके बाद पुलिस को हल्के बल तक का इस्तेमाल करना पड़ा. 


वहीं दूसरी तरफ इस पूरे मामले पर डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि जनसभा स्थलों पर भीड़ के हिसाब से पर्याप्त संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की जाती है. स्थानीय स्तर पर पुलिस प्रशासन द्वारा आयोजकों को सारी जानकारी दी थी, लेकिन जनसभा स्थल पर बैरिकेडिंग का काम राजनीतिक दलों का है. तीनों घटनाओं में पुलिस बल ने हालात को नियंत्रित किया है. 



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