Lok Sabha Elections 2024: यूपी में 'मिशन 80' को हासिल करने के लिए BJP ने बनाया नया प्लान, इस फॉर्मूले पर कर रही काम
Lok Sabha Elections: 30 जून तक चलने वाले बीजेपी के महा संपर्क अभियान के तहत लोकसभा और विधानसभाओं में अलग-अलग कार्यक्रम होने हैं. हर एक लोकसभा में सात, जबकि विधानसभा में चार-चार कार्यक्रम होंगे.
UP News: 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) को लेकर उत्तर प्रदेश में बीजेपी (BJP) अभी से मिशन मोड में आ गई है. पार्टी महा संपर्क अभियान के जरिए जहां आम वोटर तक पहुंचने में जुटी है. वहीं एक बार फिर बीजेपी अपने पुराने फॉर्मूले को ही आजमाने की तैयारी में है. 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने सभी सीटों पर प्रबुद्ध सम्मेलन और व्यापारी सम्मेलन किए थे. अब 2024 से पहले एक बार फिर सभी 80 सीटों पर प्रबुद्ध सम्मेलन और व्यापारी सम्मेलन करके इन्हें अपने साथ लाने की कवायद पार्टी ने शुरू कर दी है, जबकि ओबीसी मोर्चा प्रदेश के 17 नगर निगमों में धन्यवाद मोदी रैली करेगा.
30 जून तक चलने वाले बीजेपी के महा संपर्क अभियान के तहत वैसे तो लोकसभा और विधानसभाओं में अलग-अलग कार्यक्रम होने हैं. हर एक लोकसभा में जहां सात कार्यक्रम होंगे तो वहीं विधानसभा में चार-चार कार्यक्रम होंगे. लोकसभा में बीजेपी का फोकस प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन और व्यापारी सम्मेलन पर है. इसके पीछे एक वजह यह भी है क्योंकि 2022 के विधानसभा चुनाव में सभी 403 सीटों पर बीजेपी ने जब प्रबुद्ध और व्यापारी सम्मेलन की तो इसका फायदा उसे मिला और तीन दशकों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए बीजेपी दोबारा सत्ता में लौटी.
20 जून तक बीजेपी अलग-अलग सीटों पर करेगी सम्मेलन
अब नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए बीजेपी एक बार फिर उसी फॉर्मूले पर वापस लौटती दिख रही है. पार्टी सभी 80 लोकसभा सीटों पर प्रबुद्ध सम्मेलन और व्यापारी सम्मेलन कर रही है, जिसके जरिए समाज में जो प्रबुद्ध लोग हैं चाहे वह किसी वर्ग से आते हैं. डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, वैज्ञानिक, रिटायर्ड जज और साहित्यकार इन सभी को साथ लाने के लिए प्रबुद्ध सम्मेलन की शुरुआत हो चुकी है. महा संपर्क अभियान के जरिए बीजेपी की कोशिश है कि मोदी सरकार के 9 साल की उपलब्धियों को आम वोटर तक पहुंचाया जाए. इसमें प्रबुद्ध सम्मेलन काफी मददगार साबित हो रहा है. 20 जून तक बीजेपी अलग-अलग लोकसभा सीटों पर यह प्रमुख सम्मेलन करेगी.
शुक्रवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने सिद्धार्थनगर और बलरामपुर में प्रबुद्ध सम्मेलन को संबोधित किया. वही झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने डुमरियागंज, बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद तेजस्वी सूर्या ने गाजियाबाद, बीजेपी के पश्चिम क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष सतेंद्र सिसोदिया ने मुरादाबाद, कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने रॉबर्ट्सगंज, राज्यसभा सदस्य नीरज शेखर ने घोसी, बीजेपी विधायक पंकज सिंह ने गौतम बुद्ध नगर में प्रबुद्ध सम्मेलन को संबोधित किया.
मोदी सरकार की उपलब्धियों के गिनाएंगे बीजेपी नेता
वहीं उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने उन्नाव में व्यापारी सम्मेलन को संबोधित किया.10 जून को बृजेश पाठक गोरखपुर लोकसभा सीट पर प्रबुद्ध सम्मेलन को संबोधित करेंगे. सरकार में मंत्री अजीत पाल सिंह फतेहपुर, विधायक पंकज सिंह लखनऊ और मेरठ, सांसद विवेक ठाकुर मुजफ्फरनगर, एमएलसी उमेश द्विवेदी धौराहरा, जम्मू-कश्मीर के पूर्व विधायक देवेंद्र राणा बुलंदशहर, किसान मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष विनोद पांडेय बांसगांव में प्रबुद्ध सम्मेलन के जरिए मोदी सरकार की उपलब्धियों को आम लोगों को बताएंगे. 11 जून को भी महाराजगंज, कुशीनगर और बस्ती में प्रबुद्ध सम्मेलन होना है, जबकि 13 जून को केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर रायबरेली में प्रबुद्ध जनों के साथ संवाद करेंगे.
इस महा संपर्क अभियान में पार्टी ने अपने अलग-अलग मोर्चों को कार्यक्रमों की जिम्मेदारी सौंपी है. ओबीसी मोर्चा भी महा संपर्क अभियान के दौरान प्रदेश के 17 नगर निगमों में धन्यवाद मोदी रैली करेगा. इसकी शुरुआत 14 जून से शाहजहांपुर नगर निगम से होगी. यह धन्यवाद मोदी रैली 20 जून तक चलेगी. इसके अलावा प्रदेश के सभी 98 संगठनात्मक जिलों में ओबीसी समाज के बड़े सम्मेलन भी बीजेपी ओबीसी मोर्चा करेगा.
बीजेपी ने सभी 80 सीटों को जीतने का रखा है लक्ष्य
14 जून को फैजाबाद और 15 जून को भदोही में खेल मंत्री गिरीश यादव प्रबुद्ध सम्मेलन में शामिल होंगे जबकि परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह 16 जून को कौशांबी में इस सम्मेलन को संबोधित करेंगे. हालांकि, बीजेपी के इन सम्मेलनों और रैली पर सपा निशाना साध रही है. सपा इसे महज एक प्रपोगेंडा बता रही है. बीजेपी ने यूपी में 80 सीटों को जीतने का जो लक्ष्य रखा है. पार्टी को पता है कि अगर व्यापारी वर्ग और प्रबुद्ध वर्ग उसके साथ रहेगा तो उसे इस लक्ष्य को पाने में ज्यादा मुश्किल नहीं होने वाली, इसीलिए पार्टी का फोकस प्रबुद्ध जनों के साथ-साथ व्यापारी वर्ग को भी अपने साथ जोड़ने पर है.
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