Lok Sabha Elections 2024: मायावती का आशीर्वाद पाकर भतीजे आकाश आनंद लगा पाएंगे BSP का बेड़ा पार, नहीं आसान है राह
Lok Sabha Elections: आकाश आनंद मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं. उन्होंने लंदन के एक कॉलेज से एमबीए की डिग्री हासिल की है. मायावती ने 2017 में सहारनपुर की रैली में आकाश को लॉन्च किया था.
UP News: इस साल मध्य प्रदेश (MP), राजस्थान (Rajasthan) और छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के साथ-साथ तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने हैं. वहीं अगले साल लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) है. ऐसे में बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने तैयारी शुरू कर दी है. इसे लेकर उत्तर प्रदेश के लखनऊ (Lucknow) में बीएसपी की अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने बैठक की. बैठक में मायावती के भाई आनंद कुमार (Anand Kumar) और भतीजे आकाश आनंद (Akash Anand) भी नजर आए. इस दौरान मायावती ने भतीजे आकाश आनंद के कंधे पर हाथ रखकर एक तरीके से सियासी संदेश भी दिया.
बैठक में मायावती के अलावा सबसे अधिक चर्चा उनके आकाश आनंद की ही रही. पार्टी के नेशनल कॉर्डिनेटर आकाश को अपने पास बुलाकर मायावती ने सबके सामने आशीर्वाद दिया. आकाश लखनऊ की बैठक में शामिल होने के लिए राजस्थान की यात्रा को छोड़कर पहुंचे थे. दरअसल बीएसपी की बागडोर अपने हाथों में रखने वाली मायावती अब अपनी पार्टी की जिम्मेदारी अपने भतीजे आकाश के कंधों में डालती दिख रही हैं. उन्होंने चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव का उत्तरदायित्व आकाश को सौंपकर उन्हें आगे बढ़ाने में जुट गई हैं.
आकाश आनंद को चुनावी राज्यों में बनाया गया प्रभारी
जानकर बताते हैं कि वह अपनी सेकंड लाइन की लीडरशिप को धीरे-धीरे तैयार कर रही हैं. इन राज्यों की सफलता और असफलता उनके भविष्य का निर्धारण करेगी. राजनीतिक जानकारों की मानें तो कई बार लोकसभा और विधानसभा में मिल रही असफलता के बाद मायावती ने अपने भतीजे आकाश को राजनीति में आगे बढ़ाना शुरू किया. पार्टी में अहम पद दिए. उन्हें चुनावी राज्यों में प्रभारी बनाया. इसके साथ ही आंदोलन, धरना प्रर्दशन और पद यात्राओं से दूरी बना चुकी पार्टी अब भतीजे को ठीक से लॉन्च करने के लिए पद यात्राओं का सहारा ले रही है, जिससे भतीजे की इमेज ठीक हो जाए और उनके समाज में भी एक संदेश चला जाए.
आकाश आनंद ने राजस्थान विधानसभा चुनाव के मद्देनजर साढ़े तीन हजार किलोमीटर की 'सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय संकल्प यात्रा' शुरू की. इस यात्रा को 'बहुजन अधिकार यात्रा' भी नाम दिया गया है. बसपा के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद के नेतृत्व में यह यात्रा निकाली गई. यात्रा प्रदेश के करीब 150 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी. सियासी जानकर बताते हैं कि यात्रा के दौरान दलित, अन्य पिछड़ा वर्ग और मुस्लिम वोट बैंक को साधने की रणनीति के तहत बसपा काम करेगी. यात्रा की शुरुआत के मौके पर धौलपुर में हुई. इस दौरान आकाश ने कहा कि सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय के संकल्प के साथ बसपा प्रदेश में चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि बसपा का संकल्प होगा कि सत्ता में आने पर सभी वर्गों का भला हो. पीड़ितों, दलितों और शोषितों को राहत मिले.
चंद्रशेखर आजाद पर बयान देकर चर्चा में आए
हाल में मायावती ने आकाश को राजस्थान, एमपी, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव का जिम्मा सौंपा, उनके साथ दो भरोसेमंद नेताओं अशोक सिद्धार्थ और रामजी गौतम को लगाया है. इस बीच मध्य प्रदेश में आकाश काफी सक्रिय रहे. उन्होंने आदिवासी दिवस पर राजभवन तक मार्च किया. आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद पर दिया गया उनका बयान काफी सुर्खियों में रहा. उस बयान में उन्होंने चंद्रशेखर आजाद को पहचानने से इनकार कर दिया था.
आकाश आनंद के सामने भी खुद को साबित करने की चुनौती होगी क्योंकि 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीएसपी को 2, राजस्थान में 6, छत्तीसगढ़ में 2 और मिजोरम में 1 एक सीट पर जीत मिली थी. वहीं तेलंगाना में खाता नहीं खुला था. इससे पहले 2013 के तेलंगाना विधानसभा चुनाव में पार्टी को दो सीटें मिली थी. इस बीच राजस्थान में पार्टी के सभी 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे. वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा से गठबंधन कर मैदान में उतरी बीएसपी को 10 सीटों पर जीत मिली थी. ऐसे में आकाश आनंद के सामने इन सीटों को बचाने की भी चुनौती होगी. साथ ही पार्टी की सीटों और वोट शेयर में भी बढ़ोतरी करने की जिम्मेदारी होगी.
लंदन से आकाश आनंद ने की है पढ़ाई
आकाश आनंद मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं. उन्होंने लंदन के एक बड़े कॉलेज से एमबीए की डिग्री हासिल की है. बसपा प्रमुख मायावती ने 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव हारने के बाद सहारनपुर की रैली में आकाश को लॉन्च किया था. उन्होंने अपने काडर के बीच संदेश भी दिया था. इंटरनेट मीडिया पर मजबूत हुई बसपा की पकड़ के पीछे आकाश आनंद का ही हाथ माना गया. 2019 के गठबंधन के दौरान जब लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने मायावती से भेंट की थी उस दौरान आकाश मौजूद थे. उसी चुनाव प्रचार के दौरान वो मायावती-अखिलेश यादव की संयुक्त रैली में मंच पर दिखे थे. उस चुनाव के दौरान उन्होंने बसपा के लिए रणनीति बनाई थी. आगे आने वाले समय में उनकी भूमिका और मजबूत हो सकती है.
ये भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर मायावती का सबसे बड़ा एलान, NDA या 'इंडिया' किसके साथ करेंगी गठबंधन?