Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के दो चरणों पर मतदान हो चुका है और तीसरे चरण के लिए घमासान जारी है. ऐसे में यूपी की लड़ाई बेहद दिलचस्प बनी हुई है. इस बार बहुजन समाज पार्टी चुनाव में अकेले ताल ठोंक रही है. ऐसे में बसपा सुप्रीमो मायावती की रणनीति ने एनडीए हो या इंडिया गठबंधन दोनों की ही नींद उड़ा रखी है. 


बसपा सुप्रीमो मायावती एक-एक सीट पर सियासी और जातीय समीकरण के हिसाब से ऐसे प्रत्याशियों पर दांव लगा रही है जो पार्टी को मज़बूत स्थिति में ले जाने का दम रखता हो. यही नहीं कई सीटों पर बसपा के प्रत्याशी एनडीए और इंडिया दोनों गठबंधनों के लिए मुश्किल खड़ी करते दिख रहे हैं जिसकी वजह से कई सीटों पर लड़ाई त्रिकोणीय हो गई है. 


मायावती ने रणनीति ने बढ़ाई मुश्किल
बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से अब 78 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. इनमें से ज़्यादातर सीटों पर मायावती ब्राह्मण और मुस्लिम कार्ड खेलते नजर आईं हैं. बसपा प्रत्याशियों की सूची पर नजर डाले तो बसपा ने 78 सीटों में से अब तक 23 मुस्लिम और 15 ब्राह्मणों को टिकट दिया है.  


बसपा सुप्रीमो मायावती इस बार लोकसभा चुनाव में ब्राह्मण और मुस्लिम प्रत्याशियों पर भरोसा जताते हुए दिख रही है. इनके अलावा मायावती ने 8 क्षत्रिय और चार यादव समाज से आने वाले उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. इनके अलावा बसपा ने चार महिलाओं को भी टिकट दिया है. बसपा के उम्मीदवारों की सूची में जातीय समीकरण को साधने में जुटा है. 


मायावती का हमेशा से मुस्लिम और ब्राह्मण कार्ड पर जोर रहा है. इसे मायावती की सोशल इंजीनियरिंग के तौर पर देखा जा रहा है. बसपा सुप्रीमो मायावती इस समीकरण के सहारे 2007 में पूर्ण बहुमत से यूपी में सरकार बना चुकी है. बसपा सुप्रीमो अब एक बार फिर इसी फ़ॉर्मूले को अपनाती हुई दिख रहे हैं. जिसमें दलित, मुस्लिम के साथ ब्राह्मण को जोड़ने की क़वायद देखी जा सकती है.2027 को देखते हुए यह काफी अहम रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है. 


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