UP Politics: साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के लिए हर पार्टियों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है. हालांकि हर पार्टी के लिए पहले की तरह उत्तर प्रदेश काफी महत्वपूर्ण है, ऐसे में बीजेपी (BJP), समाजावादी पार्टी (Samajwadi Party), कांग्रेस (Congress) और बसपा (BSP) ने अपनी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है. बीते दिनों में बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) की बैठकों और इस दौरान बनी रणनीतियों से इसका संदेश स्पष्ट हो गया है. 


बीते दिनों मायावती ने दिल्ली में एक बैठक की थी. इस बैठक में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के नेताओं के साथ ही पार्टी पदाधिकारी शामिल हुए थे. इस दौरान तीनों ही राज्यों में पार्टी की आगामी चुनाव को लेकर तैयारियों का फीडबैक मांगा गया था. इसके अलावा पार्टी की रणनीति और बैठकों के संबंध में भी चर्चा की गई थी. साथ ही पार्टी के संगठन स्तर पर फेरबदल करने और जनाधार को लेकर कई जरूरी दिशा निर्देश बैठक में दिए गए थे. 


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मायावती का संदेश
इस बैठक में मायावती ने कहा था, "दलितों, आदिवासियों, गरीबों, श्रमिकों और उपेक्षितों पर देशभर में हो रहे जातिवादी जुल्म की क्रूर घटनाएं तभी रुकेंगी, जब वोट की ताकत के माध्यम से सत्ता की मास्टर चाबी बीएसपी द्वारा इसके पास होगी." यानी मायावती का साफ तौर पर इशारा पिछड़ी जातियों के वोटर्स के ओर था. यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि बीते कुछ समय से सपा का फोकस भी इन्हीं वोर्टस पर रहा है. 


जबकि कांग्रेस ने पिछड़ी जातियों को अपने पाले में लाने और पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए राज्य के कमान अनुसूचित जाति के नेता बृजलाल खाबरी के हाथ में दे रखी है. वहीं बीजेपी ने बीते कई चुनावों के दौरान इन वोटर्स के लिए खास रणनीति पर काम किया है. इसका असर बीते चुनावों के रिजल्ट पर देखा गया है. लेकिन अब अपने कम होते जनाधार को देखते हुए मायावती ने पार्टी नेताओं को खास संदेश दिया है. ऐसे में इन सभी विरोधियों को कड़ी चुनौती मिल सकती है.