UP Politics: गुजरात के पूर्व सीएम शंकर सिंह वाघेला ने की अखिलेश यादव से मुलाकात, जानें- क्या है इसके मायने?
Lok Sabha Elections: गुजरात के पूर्व सीएम शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में सक्षम है. बीजेपी को उत्तर प्रदेश में सपा ही चुनौती देगी.
Lucknow News: उत्तर प्रदेश (UP) के लखनऊ में बुधवार को गुजरात (Gujarat) के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला (Shankersinh Vaghela) ने समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से मुलाकात की. इस मौके पर शंकर सिंह वाघेला ने कहा बीजेपी (BJP) को यूपी में समाजवादी पार्टी ही चुनौती देगी. सपा ने इस बैठक को एक 'औपचारिक भेंट' बताया है और अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस बैठक की तस्वीरें साझा की.
शंकर सिंह वाघेला ने बताया, ''मैं सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव को सालों से जानता था. यह बहुत स्वाभाविक है कि मेरे अखिलेश यादव से भी अच्छे रिश्ते हैं. मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैं उनके घर गया था. मैं आज अखिलेश यादव से मिलने आया हूं.'' वहीं समाजवादी पार्टी की ओर से बाद में जारी बयान के अनुसार, शंकर सिंह वाघेला ने कहा, ''2024 के लोकसभा चुनाव में सपा ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में सक्षम है. बीजेपी को उत्तर प्रदेश में सपा ही चुनौती देगी."
राजेन्द्र चौधरी और नरेश उत्तम पटेल भी रहे मौजूद
सपा कायार्लय में इस अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी और प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल भी उपस्थित रहे. पटना में गत 23 जून को हुई विपक्षी दलों की बैठक के बाद उत्पन्न गहमागहमी के बीच शंकर सिंह वाघेला की अखिलेश से मुलाकात को अहम माना जा रहा है. वहां विपक्ष की बैठक पर बीजेपी ने निशाना साधा था. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हाल ही में पटना में हुई विपक्ष बैठक को ‘फोटो सेशन’ करार दिया और कहा कि यदि लोग वंशवाद, तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति के बजाय विकास चाहते हैं, तो उन्हें उनकी पार्टी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का समर्थन करना चाहिए.
जेपी नड्डा ने विपक्ष दलों की बैठक पर बोला था हमला
जेपी नड्डा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर इस साल मार्च में ब्रिटेन में दिए गए भाषण को लेकर भी निशाना साधा और कहा कि जिस देश ने 200 साल से अधिक समय तक भारत पर शासन किया, उससे उन्होंने देश में लोकतंत्र बचाने को कहा जबकि वह यह भूल गए कि उनकी दादी इंदिरा गांधी ने आपातकाल के दौरान लगभग 1.88 लाख लोगों को जेल में डाल दिया था.