UP Nagar Nikay Chunav Result: यूपी नगर निकाय चुनाव में निषाद पार्टी (Nishad Party) को सोनभद्र (Sonbhadra) में एक मात्र मिली सीट पर जीत से पार्टी के नेता गदगद हैं. ऐसे में अब निषाद पार्टी के अध्यक्ष और यूपी सरकार (UP Government) में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद (Sanjay Nishad) ने आगे की योजनाओं के बारे में बताया है. यही नहीं उन्होंने निषाद पार्टी और बीजेपी (BJP) गठबंधन की सरकार के योजनाओं के बार में भी बताया. इसी कड़ी में संजय निषाद ने 7 जून को अपने जन्मदिन को आंदोलन दिवस के रूप मे मनाने की घोषणा की.
संजय निषाद ने बताया कि बीजेपी जो सीटें नहीं जीत पा रही थीं, वहां हमें बुलाकर 15 सीटें दीं, जिसमें से हम 11 पर चुनाव जीत कर आए. उन्होंने आगे कहा कि सपा और बसपा की सरकार ने मछलियों और मछुआरों को पढ़ाने के लिए उर्दू अनुवादक की विशेष भर्तियां कीं. मंत्री ने कहा कि बीजेपी के साथ चल रही गठबंधन की सरकार में अपनी योजनाओं को विस्तारपूर्वक बताया, जिसमें कहा था कि यह निष्पक्ष और बिना भेदभाव पूर्ण योजनाएं हैं, जिससे सब तालाबों का पूरे प्रदेश में एक कमेटी हॉल बनाया जाएगा, इसमें पुस्तकालय भी होगा और वहां मछुआरे के बच्चे भी पढ़ेंगे. इसके अलावा अन्य के भी बच्चे पढ़ सकेंगे. मछुआरों के विकास के लिए यूपी सरकार में बहुत काम किए हैं और आगे भी करेंगे.
'कार्यकर्ताओं से छोटी-बड़ी होती है पार्टी'
सोनभद्र में अपनी पार्टी के लिए लोकसभा या विधानसभा में सीट मांगने पर संजय निषाद ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं से छोटी-बड़ी होती है. मछुआ समुदाय, गरीब, शोषित, दलित, कोल और भील को न्याय दिलाने के लिए हम लड़ाई लड़ रहे हैं. इसके लिए हम सोनभद्र में भी अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ाएंगे.
डाला क्षेत्र में चुनाव हारने पर संजय निषाद ने क्या कहा?
यूपी सरकार मे समाज कल्याण राज्यमंत्री संजय गोंड के डाला क्षेत्र में चुनाव हारने पर संजय निषाद ने कहा, "वहां का प्रत्याशी चुनाव में निषाद पार्टी और कार्यकर्ताओं से सहयोग लिया या नहीं, हम नहीं बता सकते लेकिन जहां भी बीजेपी के प्रत्याशी ने हमारे कार्यकर्ताओं का साथ लिया, वहां से हम चुनाव जीते हैं, जहां से साथ नहीं लिया, वहां से चुनाव हारे हैं, जिस सीट पर बीजेपी चुनाव नहीं जीत पा रही थी, हमें बुलाकर 15 सीटें विधानसभा में दिया, जिसमें से 11 जीत कार हम लाए हैं."
समाज के साथ पिछले सरकार ने धोखा किया- संजय निषाद
मंत्री ने कहा, "सबको पता है पिछली सरकार किसकी थी, सपा और बसपा के सहयोग से केंद्र में भी सरकार चल रही थी. यूपी में मछुआ विभाग में मछुआ का पद है, उसे फ्रीज कर दिया गया था, उसकी जगह पर उर्दू अनुवादक के रूप मे विशेष समुदाय के लोगों की भर्ती की गई, जो नाइंसाफी थी. नाही मछली उर्दू पढ़ती है, ना ही मछुआरा उर्दू पढ़ता है, ना ही मछुआरा समाज ही उर्दू पढ़ता है, समाज के साथ पिछले सरकार ने धोखा किया."