Samajwadi Party vs Congress: मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे की आंच से लोकसभा चुनाव भी शायद ही बच पाए. एमपी में कांग्रेस का तर्क है कि वह जनाधार के आधार पर सीटों का बंटावारा करेगी. अगर अखिलेश यादव के अगुवाई वाली सपा भी इसी जनाधार के फॉर्मूले पर चली तो यूपी में लोकसभा चुनाव के दौरान 20-21 सीटों पर कांग्रेस के लड़ने का दावा सिर्फ दावा बनकर रह जाएगा. अख
अखिलेश यादव के रुख से यह बात स्पष्ट मानी जा रही है कि यूपी में जब I.N.D.I.A. अलाएंस सीटों पर बंटवारे की बात करेगा तो एमपी में कांग्रेस जिस फॉर्मूले को लागू कर रही है, वही सपा प्रमुख भी कर सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो कांग्रेस गठबंधन में रहते हुए सिर्फ 1-2 सीट पर चुनाव लड़ पाएगी.
अखिलेश ने दिया था ये बयान
आगामी लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी को रोकने के लिए साथ आए और अब रणनीतियां भी बनती दिख रही हैं लेकिन सीट शेयरिंग के मुद्दे पर पेंच फंसता नजर आ रहा है. राजनीतिक दल यह बात अच्छी तरह से जानते हैं कि साल 2024 के लोकसभा में बीजेपी को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश की 80 सीटों की भूमिका अहम होगी. राज्य में सपा, राष्ट्रीय लोकदल और कांग्रेस I.N.D.I.A गठबंधन के तहत एक परचम तले हैं.
विपक्ष की बैठकों में यह तय हुआ था कि सीट शेयरिंग पर सभी दल सकारात्मक रूप से वार्ता करेंगे. माना जा रहा था कि यूपी में सपा, कांग्रेस को उचित सीटें देगी. हालांकि एमपी में जो अब हुआ उसके बाद अखिलेश यादव ने एक ब़ड़ा बयान दिया. अखिलेश ने कहा- कांग्रेस ने हमारे साथ जैसा किया, वैसा हम भी करेंगे. इससे यह संकेत भी मिल रहे हैं कि अखिलेश, यूपी में कांग्रेस से एमपी का बदला लेंगे.
अगर अखिलेश अपने बयान पर कायम रहे तो कांग्रेस के लिए यूपी में चुनौती बढ़ जाएगी. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सिर्फ रायबरेली सीट ही जीत सकी थी और अमेठी से राहुल गांधी हार गए थे. इतना ही पार्टी का वोट शेयर भी घट कर 6.35 रह गया.