Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव में अब साल भर से कम का समय बचा है. इस बीच पांच राज्यों क्रमशः मध्य प्रदेश, राजस्थान, मिजोरम, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव हैं. इन चुनावों को राजनीतिक हलकों में लोकसभा चुनाव का सेमिफाइनल माना जा रहा है. इस चुनाव से पहले राजनीतिक दलों के समीकरणों की भी चर्चा जारी है. एक ओर जहां भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने राजनीतिक दलों को अपने पाले में करने की कोशिश कर रही है तो वहीं I.N.D.I.A. अलायंस में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी समेत कई बड़े दल अपनी एकता को लेकर पुरजोर कोशिश कर रहे हैं. हालांकि मौजूदा विधानसभा चुनावों में यह एकता टूटी हुई नजर आ रही है.
इस मामले में सबसे ज्यादा समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की चर्चा हो रही है. मध्य प्रदेश में रविवार को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 144 सीटों पर उम्मीदवारों का एलान किया. इसके बाद रविवार शाम ही समाजवादी पार्टी ने भी नौ सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी. सपा ने उन सीटों पर भी प्रत्याशियों का एलान किया है जहां कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं.
सपा कांग्रेस के बीच कई दौर की वार्ता
दोनों दलों के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन अभी तक नतीजा सिफर है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि एमपी कांग्रेस के नेता सपा को उसके मनमुताबिक सीट देने को राजी नहीं हैं और इसी को लेकर वार्ता जारी है. उधर, राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर बातचीत का कोई निर्णय नहीं निकला तो आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में सीट शेयरिंग पर असर पड़ सकता है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव पहले ही सीटों के मुद्दे पर कह चुके हैं कि पार्टी, यूपी में गठबंधन से सीटें मांग नहीं रही बल्कि दे रही है.
एमपी में कांग्रेस प्रत्याशियों के खिलाफ सपा कैंडिडेट्स उतारने के फैसले से कांग्रेस भी हैरान है. पार्टी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि सपा उन्हीं के खिलाफ उम्मीदवार उतार देगी. ऐसे में कांग्रेस भी यूपी में लोकसभा चुनाव के दौरान सीट के बंटवारे को लेकर आशंकित है. पार्टी जहां साल 2009 के चुनाव परिणामों के आधार पर 20-22 सीटों पर दावा करने की जुगत में है तो वहीं सपा का आक्रामक रवैया, पार्टी को परेशान कर रहा है.