लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश की राजनीतिक गहमाबहमी बढ़ गई है. कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी में नेताओं के आने-जाने का क्रम भी शुरू हो गया है. इन सबके बीच पश्चिमी यूपी में बड़ा चेहरा माने जाने वाले इमरान मसूद एक बार फिर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होंगे. माना जा रहा है कि इमरान मसूद के कांग्रेस में आने से पार्टी का पश्चिमी यूपी के कुछ इलाकों में दबदबा बढ़ सकता है. इमरान मसूद पहले भी कांग्रेस में थे.


हालांकि साल 2022 के विधानसभा चुनाव के पहले वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे. इसके बाद वह बहुजन समाज पार्टी में भी शामिल हुए. बीते महीने बसपा से निष्कासन के बाद ही चर्चा थी कि वह राष्ट्रीय लोकदल में जा सकते हैं. जानकार बताते हैं कि वहां इमरान की बात नहीं इसके बाद उन्होंने कांग्रेस में वापसी का फैसला किया.


आइए हम आपको बताते हैं कि इमरान मसूद के कांग्रेस में वापसी से क्या समीकरण बन सकते हैं-


2007 में निर्दलीय विधायक चुने गए इमरान मसूद साल 2012 में कांग्रेस के साथ आए. फिर साल 2014 में वह समाजवादी पार्टी में चले गए. साल 2017 में उन्होंने फिर कांग्रेस में वापसी की.इसके बाद वह साल 2022 में सपा के साथ गए और चुनाव बाद बसपा में चले गए. फिर साल 2023 में बसपा से निष्कासित कर दिए गए.


इमरान मसूद के कांग्रेस में एंट्री के बाद माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में समीकरण बदल सकता है. मसूद की मुस्लिम मतदाताओं में अच्छी पहुंच हैं. अगर उन्हें लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से प्रत्याशी बनाया जाता है तो वह मतदाताओं को पार्टी की ओर लाने में कामयाब हो चुके हैं.


जानकारों का कहना है कि  तीन बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके इमरान के लिए इस बार परिस्थितियां इसलिए भी अनुकूल हो सकती हैं क्योंकि कांग्रेस I.N.D.I.A. गठबंधन का हिस्सा है. ऐसे में रालोद और सपा के मतदाता भी इमरान की ओर जा सकते हैं.


उधर, लोकसभा टिकट को लेकर इमरान मसूद का कहना है कि हम पार्टी के कार्यकर्ता के तौर पर काम करेंगे. हाईकमान का जो आदेश होगा, वह किया जाएगा.