UP Lok Sabha Elections 2024: समाजवादी पार्टी ने कौशांबी से 25 वर्ष के युवा पुष्पेंद्र सरोज को लोकसभा का प्रत्याशी बनाया है. पुष्पेंद्र सरोज मंझनपुर विधानसभा के पांच बार विधायक एवं सपा के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज के बड़े बेटे हैं. पुष्पेंद्र पिता की विरासत को संभालने के लिए राजनीतिक के मैदान में उतरे हैं. वह लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी से बीएससी अकाउंटिंग एंड मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहे हैं. वह मंझनपुर तहसील के नगरेहा खुर्द गांव के रहने वाले हैं, लेकिन वर्तमान में प्रयागराज के सुलेम सराय मोहल्ले में अपने परिवार के साथ रहते हैं. माना जा रहा है अभी तक यूपी का सबसे युवा प्रत्याशी हैं, उनकी जन्मतिथि 01/03/1999 है. राजनीति का उन्हें कोई खास अनुभव नहीं है, इसके बावजूद भी सपा ने पुष्पेंद्र पर दांव खेला है.
पुष्पेंद्र के पिता इंद्रजीत सरोज की बात करें तो उन्होंने बहुजन समाज पार्टी से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी पहली दफा वह वर्ष 1996 में बसपा से विधायक बने तो वर्ष 2012 तक उन्हें मंझनपुर ( सुरक्षित) की सरजमीं से कोई हरा नहीं सका. वह बसपा सरकार में तीन बार कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. बसपा में बतौर राष्ट्रीय महासचिव पार्टी की सेवा किया, साल 2017 में जब बीजेपी की लहर चली तो इस लहर में इंद्रजीत सरोज बह गए और मंझनपुर से बीजेपी के लाल बहादुर ने जीत दर्ज की. उन्होंने इंद्रजीत सरोज को 4160 वोटों से हराया. चुनाव हारने के कुछ दिन बाद ही इंद्रजीत सरोज का बसपा सुप्रीमो मायावती से किन्ही मामलों को लेकर विवाद हो गया और उन्होंने बसपा छोड़कर समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर ली.
पासी समाज का बड़ा नेता होने के चलते सपा मुखिया अखिलेश यादव ने उनके कद को कम नहीं किया. उन्हें बसपा की तरह सपा में भी राष्ट्रीय महासचिव का पद दिया गया. इतना ही नहीं वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में इंद्रजीत सरोज को कौशांबी से प्रत्याशी भी बनाया गया लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया और बीजेपी के विनोद सोनकर ने उन्हें 38 हजार वोटों से हरा दिया. इसके बाद भी इंद्रजीत सरोज ने अपने कदम पीछे नहीं हटाए और सपा मुखिया अखिलेश यादव ने वर्ष 2022 के चुनाव में इंद्रजीत सरोज को उनके गृह विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया. उन्होंने बीजेपी के लाल बहादुर को 23 हजार वोटों से हराकर जीत दर्ज की.
वहीं साल 2022 के चुनाव में सपा ने पहली दफा आम चुनाव में मंझनपुर सिराथू और चायल की तीनों सीट जीती. जिसका श्रेय इंद्रजीत सरोज को ही जाता है. इंद्रजीत सरोज के बेटे पुष्पेंद्र सरोज को लोकसभा का प्रत्याशी बनाए जाने से कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है लोग उन्हें फोन कर एवं स्वयं मिलकर बधाइयां दे रहे हैं.