Lok Sabha Elections 2024: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव पांच चरणों का मतदान खत्म हो चुका है. अब मात्र दो चरणों का मतदान बचा है. ये दो चरण दोनों गठबंधन के लिए बेहद अहम है. इन दो चरणों में यूपी की बाकी बची 27 सीटों पर वोटिंग होनी है. इनमें वाराणसी से लेकर तमाम दिग्गजों की सीटें शामिल हैं. 


आने वाले दो चरणों में एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों के कई दिग्गज चुनाव मैदान में हैं. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय इन्हीं चरणों में चुनाव लड़ रहे हैं. इनके अलावा एनडीए की सहयोगी अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल, इंडिया के खाते में आई तृणमूल कांग्रेस की एक भदोही सीट पर भी चुनाव भी इन्ही दो चरणों में चुनाव होने है. 


इनके अलावा निषाद पार्टी के खेमे से भाजपा के सिंबल पर लड़ रहे दो सीटों पर भी चुनाव इसी चरण में हैं. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के खाते की सीट का भी चुनाव इसी चरण में है तो वहीं महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री रहे कृपा शंकर सिंह के चुनाव से लेकर इलाहाबाद से उज्जवल रमण सिंह का चुनाव भी इसी चरण में है. ऐसे में दोनों गठबंधन के नेताओं ने अपनी एड़ी चोटी का जोर इन दोनों चरणों के लिए लगा दिया है. 


पूर्वांचल की सभी सीटों पर इंडिया गठबंधन और एनडीए गठबंधन के लोग एक-एक वोट का हिसाब रखने की तैयारी में है. पश्चिम से लेकर मध्य यूपी और बुंदेलखंड में चुनाव खत्म हो जाने के बाद अब दोनों गठबंधन के अधिकतर नेता पूर्वांचल आ गए हैं और पूर्वांचल में अलग-अलग सीटों की जिम्मेदारियां अलग-अलग नेताओं को दे दी गई हैं.


भाजपा ने बनाई अलग सूची
भारतीय जनता पार्टी ने अपनी और अपने गठबंधन की सीटों को जीतने के लिए एक सूची तैयार कर ली है. इस सूची में बीजेपी  के काम और उनके लाभार्थियों का नाम है. जिसमें जिन-जिन लोगों को मकान, शौचालय, आयुष्मान योजना, जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल स्कीम पहुंची है उनकी ब्लॉकवार सूची तैयार की गई है. इसकी जिम्मेदारियां अलग-अलग नेताओं को दी गई है, जो लोग घर-घर पहुंच कर लोगों को अपने कामों के बारे में समझाने का प्रयास कर रहे हैं.


एनडीए को घेरने की रणनीति
इंडिया गठबंधन ने विधानसभा को अलग-अलग सेक्टर में बांट कर उस पर रणनीति तैयार की है. जिन सेक्टरों में जिस जाति के लोग अधिक हैं वहां उस जाति के नेताओं की जिम्मेदारियां तय की जा रही हैं. यहां यादव और मुसलमान वोट बैंक के साथ-साथ अलग-अलग अन्य जातियों के नेताओं को भी जिम्मेदारियां दी जा रही हैं. इंडिया गठबंधन के लोग अपनी बात जनता तक पहुंचाने के साथ-साथ एनडीए की सभा में छोड़े जा रहे तीरों पर अपनी तरफ से भी निशाना साधते हुए अपने वोटर तक उसका काउंटर पहुंचाने का काम कर रहे हैं.


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