Afzal Ansari News: गाजीपुर के सांसद और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अफजाल अंसारी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. अफजाल अंसारी की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज भी सुनवाई पूरी नहीं हो सकी. सुनवाई कल 23 मई को दोपहर 2 बजे से जारी रहेगी. आज की सुनवाई में यूपी सरकार की तरफ से दलीलें पेश की गई. हालांकि यूपी सरकार की बहस अभी पूरी नहीं हो सकी है.
यूपी सरकार की तरफ से अफजाल अंसारी की सजा को 4 साल से बढ़ाकर 10 साल किए जाने की अपील की गई है. यूपी सरकार का पक्ष पूरा होने के बाद बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय के परिवार का पक्ष रखा जाएगा. सुनवाई लगातार जारी रहने से अफजाल अंसारी की मुश्किलें बढ़ती जा रही है.
कोर्ट के फैसले पर टिका है अफजाल की तकदीर का फैसला
सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी की चुनावी तकदीर का फैसला अब हाईकोर्ट से आने वाले फैसले पर ही टिका हुआ है. अफजाल अंसारी की तरफ से कहा गया है कि बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय के जिस मर्डर केस के आधार पर उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की गई थी उस केस में वह पहले ही बरी हो चुके हैं.
अफजाल अंसारी की दलील है कि अगर वह मूल मुकदमे में बरी हो गए हैं तो उस आधार पर लगे गैंगस्टर केस में उन्हें सजा नहीं दी जा सकती है. उन्होंने अपील में इलाहाबाद हाईकोर्ट से सजा रद्द किए जाने की मांग की है. जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच में आफजाल मामले की सुनवाई कल होगी.
पीयूष राय ने दाखिल की है अर्जी
राज्य सरकार ने गवर्नमेंट अपील और कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय ने अर्जी दाखिल कर अफजाल अंसारी की सजा बढ़ाये जाने की मांग की है. उन्होंने दलील दी है कि इसी केस में मुख्तार अंसारी को अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई थी. इसी आधार पर अफजाल अंसारी की भी सजा बढ़ाये जाने की मांग की गई है.
गाजीपुर की एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने 29 अप्रैल 2023 को अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के मामले में दोषी करार देकर 4 साल की सजा सुनाई थी. इसकी वजह से उनकी लोकसभा की सदस्यता निरस्त हो गई थी और उन्हें जेल जाना पड़ा था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अफजाल अंसारी की जमानत मंजूर कर ली थी लेकिन सजा पर रोक नहीं लगाई थी.
गाजीपुर से नहीं लड़ पाएंगे चुनाव?
सुप्रीम कोर्ट ने अफजाल अंसारी की सजा पर रोक लगा दी थी और इलाहाबाद हाईकोर्ट को उनकी अपील 30 जून से पहले निस्तारित करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट से रोक लगने के बाद अफजाल अंसारी की लोकसभा सदस्यता बहाल हो गई थी. हाईकोर्ट ने अगर सजा रद्द नहीं की ऐसी स्थिति में चुनाव जीतने के बाद भी अफजाल अंसारी को सांसद पद छोड़ना पड़ेगा.
पीपल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट के तहत 2 साल से ज्यादा सजा पाया हुआ व्यक्ति कोई चुनाव नहीं लड़ सकता है. हाईकोर्ट से राहत न मिलने पर अगर चुनाव नहीं लड़ सकेंगे अफजाल अंसारी तो बेटी नुसरत को चुनाव लड़वाएंगे. गाज़ीपुर सीट से बेटी नुसरत ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन किया है.
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