UP News: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) से पहले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) का एक चुनावी सर्वे सुर्खियों में है. सुभासपा ने पूर्वांचल की 32 सीटों पर मजबूती का दावा किया है. ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) और बीजेपी (BJP) नेताओं के बीच लगातार मुलाकातें भी 2024 में दोनों के एक साथ आने की तरफ इशारा कर रही हैं. राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि 32 सीटों पर मजबूती का दावा करके ओपी राजभर बीजेपी से मोलभाव करने की तैयारी कर रहे हैं. सुभासपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अरुण राजभर (Arun Rajbhar) ने भी सर्वे के आधार पर दावा किया है कि हम जहां रहते हैं, उस दल को फायदा होता है और हम जहां नहीं रहते, उसको नुकसान होता है. 


एबीपी गंगा से बात करते हुए अरुण राजभर ने कहा, "2017 में बीजेपी और 2022 में सपा के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था. पार्टी के सर्वे में ये साफ हुआ कि सुभासपा की वजह से बीजेपी और सपा ने कई सीटों पर जीत हासिल की. हालांकि, सपा के लिए सुभासपा का साथ ज्यादा फायदेमंद रहा. कुछ कमियां अगर दूर कर दी जाती तो 2022 में हमारी सरकार बन जाती. अरुण राजभर ने कहा कि लोकसभा की 32 सीटों में से 19 सीटों पर हमने चुनाव लड़ा था, जबकि कुछ सीटों पर हम नहीं लड़ पाए थे."


हर लोकसभा सीट पर एक कोऑर्डिनेटर नियुक्त


अरुण राजभर ने आगे कहा कि विधानसभा चुनाव में हमने सभी सीटों पर अच्छी लड़ाई लड़ी थी. इन सभी सीटों पर सर्वे किया गया है. कई सीटों पर हम एक लाख से ज्यादा वोट पाए हैं. 2024 के लिए इन सभी सीटों को और मजबूत करने पर काम शुरू हो गया है. हमने हर लोकसभा सीट पर एक कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया है. उसके नीचे 61 बूथ प्रभारी काम करेंगे. 14-14 बूथ पर हमने सेक्टर बनाया है. जहां हमें कम वोट मिले हैं, वहां सुधार के लिए रणनीति बनाई जाएगी.


सुभासपा प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी लगातार कार्यक्रम चला रही है. हाल ही में हमने पूर्वांचल, मध्यांचल और पश्चिम क्षेत्र के नेताओं के साथ बैठक की है. अभी हम अपनी जमीन मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं. किसके साथ जाना है, किसके साथ नहीं, ये बाद की बात है. उन्होंने कहा कि यूपी के अलावा बिहार में भी 16 सीटों पर हमने चुनाव लड़ा था. हम उन वोटों पर काम कर रहे हैं, जिनको कोई पूछता नहीं था.


'सपा भी अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही'


ओपी राजभर के बीजेपी नेताओं के साथ मुलाकातों को लेकर अरुण राजभर ने कहा कि वे हमेशा चर्चा में रहते हैं क्योंकि जनता के बीच काम करते रहते हैं. यही वजह है दिल्ली-लखनऊ में बैठे नेताओं तक उनकी चर्चा पहुंच जाती है. उनको लगता है नुकसान हो रहा है, इसलिए राजभर को पकड़ लो. उससे फायदा होगा. कांग्रेस भी राजभर को अपने पाले में लाना चाहती है. सपा भी अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है.


अरुण राजभर ने कहा कि राजनीति में कोई किसी का दोस्त नहीं होता. कोई किसी का दुश्मन नहीं होता. परिस्थितियां राजनीति में लोगों को एकजुट कर देती हैं. परिस्थितियां कब बदल जाएं, कब परिस्थितियां बन जाएं, न हम जानते हैं न आप. जिसको जरूरत होगी, वो हमको अपने साथ रखेगा. हमारी किसी नेता या राजनीतिक दल से कोई दुश्मनी नहीं है. नेताओं के कुछ ऐसे एजेंडे होते हैं, जिनसे हमारे समाज का अहित होता है, तब हम मुखर होकर बोलते हैं.


अखिलेश यादव आजमगढ़ से चुनाव नहीं जीत पाएंगे- राजभर


अखिलेश यादव पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए अरुण राजभर ने कहा कि वो नहीं चाहते कि अति पिछड़े पैदल चलें. सच तो ये है कि पिछड़े बड़े नेता अति पिछड़े नेताओं को लीडर बनने नहीं देना चाहते. वो चाहते हैं कि ये हमेशा पैदल रहें. फटा जूता पहने. फटा कपड़ा पहने. चश्मा न लगाएं. अच्छा न दिखे. बोरा पहनकर घूमे. यही उनकी मंशा रहती है. उन्होंने कहा दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है. यहां विपक्ष को लामबंद होना चाहिए. पहले विपक्षी लामबंद हों फिर हमसे बात करें, तब रणनीति बनाई जाएगी.


सुभासपा नेता ने कहा कि राजनीति में कोई कसम खाकर नहीं बैठा है कि हम इनके साथ नहीं जाएंगे. वोट के लिए सब दोस्त बन जाते हैं. वोट जिसके पास ज्यादा होता है उसकी सबको जरूरत पड़ती है. अखिलेश यादव के आजमगढ़ से चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर उन्होंने कहा कि वो जिन दगे हुए कारतूसों की बदौलत चुनाव लड़ने गए थे, उन्होंने ही हवा निकाल दी. हमको नहीं लगता अखिलेश यादव आजमगढ़ से चुनाव जीत पाएंगे. पिछली बार की परिस्थितियां कुछ अलग थी, तब हम नहीं थे इसीलिए वो जीत गए थे, इस बार देखते हैं, क्या होगा?


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