Lok Sabha Elections 2024: उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव में इस बार वरुण गांधी चुनाव शोर से एकदम गायब हैं. पीलीभीत लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने उनका टिकट काट दिया है लेकिन सुल्तानपुर सीट से उनकी मां मेनका गांधी चुनाव लड़ रही है. टिकट कटने के बाद वरुण गांधी न तो कही नजर आए हैं और न हीं वो अपनी मां के लिए चुनाव प्रचार करने पहुंचे. दस साल बाद वरुण चुनावी शोर से एकदम गायब हैं.


राजनीति में एंट्री के बाद वरुण गांधी पहली बार साल 2014 में सुल्तानपुर में चुनाव लड़ने आए थे. इस चुनाव में उन्होंने बड़े अंतर से जीत हासिल की थी दूसरे नंबर पर बसपा के पवन पांडे रहे थे. वरुण गांधी ने सुल्तानपुर में खासी लोकप्रियता हासिल की. लोगों ने उनका दिल खोलकर स्वागत किया. इस बीच वो युवाओं के बीच भी लोकप्रिय हुए. पिता संजय गांधी तरह उनका आक्रामक अंदाज और खुलकर अपनी बात कहने की तरीका लोगों को पसंद आया और वो उनके कनेक्ट करने लगे.


दस साल बाद चुनाव से दूर वरुण गांधी
साल 2019 में वरुण गांधी मां मेनका गांधी की पीलीभीत सीट से चुनाव लड़े और मेनका गांधी ने सुल्तानपुर से चुनाव लड़ा. इस चुनाव में भी वरुण गांधी मां के लिए चुनाव करने सुल्तानपुर आए और खूब प्रचार किया. इस सीट पर वरुण गांधी का मुक़ाबला सपा-बसपा उम्मीदवार चंद्रभद्र सिंह से था. दोनों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली. वरुण ने मेनका के चुनाव प्रचार की कमान संभाली और कई आक्रामक सभाएं की, जिसके चलते माहौल बदल गया और मेनका को जीत मिली. 


इस बार भी मेनका गांधी सुल्तानपुर से चुनाव मैदान में हैं लेकिन दस साल बाद वरुण गांधी सुल्तानपुर से दूर हैं. माँ के लिए चुनाव प्रचार करने भी नहीं आ रहे हैं. मेनका गांधी भी कह चुकी है कि वरुण गांधी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है इसलिए वो आराम कर रहे हैं और प्रचार के लिए नहीं आएंगे. लेकिन, वरुण की कमी युवाओं को महसूस हो रही है. 


वरुण गांधी, पिता संजय गांधी की तरह ही लोगों से कनेक्ट करते नजर आते थे. इस बार वो अंदाज देखने को नहीं मिल रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि उनके भाषण युवाओं में उत्साह भर देते थे. यहां के लोग आज भी उन्हें याद कर रहे हैं.