Lok Sabha Elections 2024: ओम प्रकाश राजभर के साथ गठबंधन करने पर बीजेपी को होगा फायदा, सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा
UP BJP SBSP Alliance: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी ने गठबंधन के मौजूदा साथी निषाद पार्टी और अपना दल एस से गठबंधन बरकरार रखने के साथ नए साथी की तलाश शुरू की है और पार्टी ने सर्वे कराया है.
UP Politics: आगामी लोकसभा चुनाव में मिशन 80 का लक्ष्य हासिल करने को लेकर बीजेपी तमाम तरीके के समीकरण बैठाने के लिए विभिन्न स्तर से सर्वे करा रही है. सूत्रों की माने तो बीजेपी के ऐसे ही एक इंटरनल सर्वे में सामने आया है कि अगर वह ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा से गठबंधन करती है तो उसे पूर्वांचल में करीब 6 सीटों पर फायदा होगा. सूत्रों की माने तो इस सर्वे के बाद बीजेपी ने सुभासपा से गठबंधन करने का मन बना लिया है और इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक व परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है.
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी ने गठबंधन के मौजूदा साथी निषाद पार्टी और अपना दल एस से गठबंधन बरकरार रखने के साथ नए साथी की तलाश शुरू की है. सूत्रों की माने तो पार्टी ने सुभासपा के साथ ही रालोद को लेकर भी सर्वे कराया. लेकिन इसमें सामने आया कि बीजेपी को रालोद से अधिक फायदा सुभासपा साथ गठबंधन करके होगा. रालोद का पश्चिमी यूपी के बिजनौर, सहारनपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, संभल, बागपत, आगरा, मथुरा, शामली, अमरोहा, मुरादाबाद और हाथरस जिलों में प्रभाव है. इनमें से आगरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मथुरा और बागपत की सीट बीजेपी ने जीती थी.
सपा-बसपा गठबंधन से बीजेपी को हुआ नुकसान
इसके अलावा अगर 2019 में सपा और बसपा का गठबंधन नहीं होता तो रामपुर, अमरोहा, संभल, नगीना, सहारनपुर और बिजनौर की सीट भी बीजेपी जीत सकती थी. फिलहाल 2024 को लेकर सपा और बसपा के बीच कोई गठबंधन होता नजर नहीं आ रहा. वैसे भी पश्चिमी यूपी में जाट वोट को साधने के लिए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, केंद्रीय मंत्रिमंडल में संजीव बालियान और प्रदेश मंत्रिमंडल में लक्ष्मी नारायण चौधरी व राज्य मंत्री केपी मलिक जैसे चेहरे हैं. 2014, 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजे दिखाते हैं कि अधिकतर सीटों पर जाट समाज बीजेपी के साथ रहा.
ओपी राजभर के साथ से सपा को भी हुआ था फायदा
अब बात करते हैं सुभासपा से गठबंधन करने पर बीजेपी को होने वाले फायदे की. पार्टी के प्राथमिक सर्वे की माने तो सुभासपा गठबंधन करने पर बीजेपी को जौनपुर, घोसी, आजमगढ़, लालगंज, श्रावस्ती और गाजीपुर में फायदा हो सकता है. इन सीटों पर राजभर समाज के मतदाता बड़ी संख्या में है. 2022 के विधानसभा चुनाव के नतीजों को भी देखें तो ओपी राजभर के सपा के साथ जाने से सपा को इन क्षेत्रों में फायदा हुआ जबकि बीजेपी को नुकसान झेलना पड़ा. 2024 के मिशन 80 के लक्ष्य को देखते हुए सूत्रों की माने तो बीजेपी ओपी राजभर के बेटे को किसी एक सीट से लोकसभा प्रत्याशी बना सकती है. जबकि ओमप्रकाश राजभर को प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाने समेत अन्य राजनीतिक लाभ देने का प्रस्ताव मिल सकता है.