Lok Sabha Elections 2024: सपा में दिख रहा इस बार महिलाओं का दम, अब जमीन पर सियासी ताकत दिखाने की तैयारी
Lok Sabha Election 2024: समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नजर प्रदेश की आधी आबादी पर है जिसे देखते हुए इस बार उन्होंने महिलाओं प्रत्याशियों पर बड़ा दांव चला है.
Lok Sabha Election 2024: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव इस बार लोकसभा चुनाव में नई रणनीति के साथ उतरे हैं. एक तरफ जहां वो पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यकों के नारे पर जोर दे रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ सपा की नजर आधी आबादी की महिला वोटरों पर भी लगी है. सपा ने इस बार बड़ी संख्या में महिलाओं पर भरोसा जताया है जो चुनाव में अपना दम दिखाने को तैयार हैं.
समाजवादी पार्टी ने इस बार महिला प्रत्याशियों पर दिल खोल कर दांव लगाया है. सपा ने कई अहम सीटों पर महिला उम्मीदवार खड़े किए हैं. इनमें कुछ सीटें तो ऐसी है जहां सपा मजबूत स्थिति में हैं. इनमें पहला नाम सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी और सांसद डिंपल यादव का है. जिन्हें मैनपुरी लोकसभा सीट से एक बार फिर से टिकट दिया हैं.
सपा ने महिला शक्ति पर लगाया दांव
मैनपुरी लोकसभा सीट सपा का गढ़ रही है. पिछले 35 सालों से इस सीट पर सपा का ही कब्जा रहा है. ये सीट सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि मानी जाती है. मुलायम सिंह यहां से पांच बार सांसद रहे. उनके निधन के बाद अखिलेश यादव ने परिवार की विरासत पर डिंपल यादव को मैदान में उतारा और उन्होंने रिकॉर्ड मतों से यहां जीत हासिल की.
डिंपल के अलावा सपा ने कैराना लोकसभा सीट से इकरा हसन को टिकट दिया है. ये सीट मुस्लिम बहुल मानी जाती है. यहां सपा मजबूत स्थित में रहती है. इसी तरह मुरादाबाद लोकसभा सीट से सपा ने रुचि वीरा को टिकट दिया है. 2019 में भी सपा के एसटी हसन को जीत मिली थी लेकिन, इस बार उनका टिकट कट गया है.
अखिलेश यादव ने गोंडा लोकसभा सीट से श्रेया वर्मा, उन्नाव सीट से अन्नू टंडन, हरदोई लोकसभा सीट से ऊषा वर्मा और गोरखपुर सीट काजल निषाद को टिकट दिया है. सपा की ये महिला शक्ति भी मैदान में अपना दम दिखाने में जुटी हुई है. महिलाओं के साथ सपा ने इस बार पीडीए का भी पूरा ध्यान रखा है. अखिलेश ने मुस्लिम और यादव की बजाय इस बार पिछड़े समाज के मौर्य, कुशवाह, सैनी और दलित समाज के प्रतिनिधियों को ज़्यादा मौका दिया है.