Congress Dalit Gaurav Yatra: 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी आज यानी सोमवार (9 अक्टूबर) से दलित गौरव यात्रा की शुरुआत करने जा रही है. इसकी शुरुआत कांग्रेस पार्टी दफ्तर से होगी. कांग्रेस मुख्यालय स्थित नेहरु भवन में प्रदेश अध्यक्ष की मौजूदगी में दलित नेताओं की बैठक होगी और बैठक के बाद ये अभियान शुरु किया जाएगा.
क्या होगा इस अभियान में?
कांग्रेस नेता इस अभियान में दलित बस्तियों में रात्रि चौपाल करेंगें. कांग्रेस नेता इसमें यूपी की प्रत्येक विधानसभा में 10 रात्रि चौपाल भी करेंगे. इसके अनुसार पूरे प्रदेश में दलित बस्तियों में 4030 रात्रि चौपालें होंगे. इस दौरान प्रत्येक विधानसभा में कांग्रेस नेता दलित गणमान्य व्यक्तियों से संपर्क करेंगे और उन्हें कांग्रेस की नीतियों और अपने अन्य प्रदेशों में दलितों के लिए की चल रही योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे. हर लोकसभा क्षेत्र में दलितों के कोर ग्रुप का गठन भी किया जायेगा.
क्या कहा कांग्रेस प्रवक्ता ने?
इस अभियान को लेकर यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता अंशु अवस्थी का कहना है कि दलितों के सम्मान को पुनः वापस दिलाने के लिए है हमारी दलित गौरव यात्रा है. कांग्रेस के अलावा दूसरी सभी राजनैतिक पार्टियों ने दलितों का सिर्फ शोषण किया है. उन्होंने कहा कि दलित बस्तियों में चौपाल कर "मांग अधिकार पत्र" भरवाए जायेंगे, क्योंकि कांग्रेस के अलावा किसी ने भी दलितों के विकास और उत्थान पर काम नहीं किया.
उन्होंने कहा कि दलितों के सम्मान को वापस दिलाने के लिए, उनके ऊपर जो बीजेपी सरकार में सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहा है उसके खिलाफ लड़ाई के लिए और दलितों की बहुत सी मांगों को सुनकर उनसे संवाद करने के लिए आज से कांग्रेस पार्टी का यह राज्य स्तरीय महाअभियान दलित गौरव यात्रा की शुरुआत हो रही है. जिसमें दलितों की समस्याओं, उनकी मांगों के लिए संपर्क संवाद किया जाएगा.
कब से कब तक चलेगी यात्रा
दलित गौरव यात्रा आज कांशीराम के महापरिनिर्वाण दिवस 9 अक्टूबर से शुरू होकर संविधान दिवस 26 नवंबर तक चलेगी. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय स्थित नेहरु भवन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय इस यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे. इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष की मौजूदगी में पूरे प्रदेश से आए दलित नेताओं, चिंतकों की बैठक से अभियान की शुरुआत होने जा रही है.
यात्रा के दौरान कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता खासतौर से दलित नेता शामिल होंगे और प्रत्येक जनपद स्तर पर प्रेस वार्ता होगी. इस दौरान 80 बड़ी सामूहिक चर्चाएं, 4000 रात्रि चौपाल, 18 मंडलीय यात्राएं, 2 लाख दलित अधिकार मांग पत्र के साथ एक लाख व्यक्तियों के साथ महासंवाद का कार्यक्रम होगा.
ये भी पढ़ें-