यूपी में पांचवें चरण में 14 सीटों पर होगा मतदान, मोदी सरकार के पांच मंत्रियों को बचानी होगी साख
Lok Sabha Elections 2024: मोहनलाल गंज से केंद्रीय मंत्री और BJP उम्मीदवार कौशल किशोर तीसरी बार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. उनको सपा-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार आर.के. चौधरी से कड़ी चुनौती मिल सकती है.
UP Lok Sabha Chunav 2024: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में मोदी सरकार के पांच मंत्रियों को अपनी साख बचानी होगी. इनके भाग्य का फैसला 20 मई को जनता करेगी. इस चरण में मोदी सरकार में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, कौशल किशोर, साध्वी निरंजन ज्योति, भानु प्रताप वर्मा और योगी सरकार के मंत्री दिनेश सिंह रायबरेली से कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं.
पांचवे चरण में यूपी में 14 सीटों पर चुनाव होगा. 2019 के चुनाव में सिर्फ रायबरेली को छोड़कर सभी सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी. रायबरेली से सोनिया गांधी ने जीत दर्ज की थी. राजनाथ सिंह लखनऊ से तीसरी बार चुनावी मैदान में हैं. उनके खिलाफ सपा-कांग्रेस गठबंधन से रविदास मेहरोत्रा और बसपा के सरवर अली चुनावी मैदान में हैं.
अमेठी लोकसभा से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक बार फिर से चुनाव लड़ रही हैं. 2019 में उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को हराया था. उनके खिलाफ गांधी परिवार के खास किशोरीलाल शर्मा ताल ठोक रहे हैं. शर्मा का दावा है कि 40 सालों से वो अमेठी की जनता से जुड़े हैं. उन्होंने राजीव गांधी के साथ भी रैलियों में भाग लिया था. इस सीट पर कांग्रेस के बड़े नेताओं का पूरा फोकस है.
वहीं लखनऊ से सटे मोहनलाल गंज से केंद्रीय मंत्री और भाजपा उम्मीदवार कौशल किशोर तीसरी बार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. उनको सपा-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार आर.के. चौधरी से कड़ी चुनौती मिल सकती है. वहीं बहुजन समाज पार्टी से राजेश कुमार मैदान में हैं. फतेहपुर सीट पर केंद्रीय मंत्री और भाजपा से प्रत्याशी साध्वी निरंजन ज्योति एक बार फिर से चुनावी रण में हैं. वह 2014 और 2019 में जीत दर्ज कर चुकी हैं. सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल से उनको कड़ी चुनौती मिलने की उम्मीद है. बसपा ने यहां से पिछड़ी जाति के कुर्मी बिरादरी के प्रत्याशी डॉक्टर मनीष सचान को मैदान में उतार कर सपा व भाजपा की धड़कन बढ़ा दी है.
भाजपा ने जालौन सीट से पांच बार के सांसद और वर्तमान में मंत्री भानु प्रताप वर्मा को एक बार फिर से मैदान में उतारा है. उनके खिलाफ सपा-कांग्रेस से नारायण दास अहिरवार मैदान में हैं. अहिरवार बसपा के संस्थापक सदस्य रहे हैं. वह 2007 से 2011 तक मायावती सरकार में मंत्री थे. 2022 में वह सपा में आ गए थे. वैसे इस सीट पर बसपा का अच्छा खासा प्रभाव माना जाता रहा है. 2019 में सपा-बसपा गठबंधन में यह सीट बसपा के खाते में गई थी. इस बार भानू प्रताप का मुकाबला इन्हीं से माना जा रहा है.
रायबरेली से राहुल गांधी हैं चुनावी मैदान में
इसके अलावा इस चरण में कांग्रेस नेता राहुल गांधी रायबरेली से ताल ठोक रहे हैं. उनका मुख्य मुकाबला भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह से है. राहुल गांधी ने इस चुनाव में वायनाड के अलावा रायबरेली सीट से भी पर्चा भरा है. वायनाड में पहले ही वोटिंग हो चुकी है. रायबरेली गांधी परिवार का गढ़ माना जाता है. खुद सोनिया गांधी इस सीट से चुनाव जीतती आई हैं. हालांकि इस बार वे राज्यसभा की ओर रुख कर चुकी हैं. लिहाजा राहुल गांधी ने इस सीट से पर्चा भरा है. भाजपा उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह पहले कांग्रेस में रह चुके हैं. 2018 में भाजपा में शामिल हो गए और 2019 में रायबरेली से सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़े. वे 1.67 लाख वोट से हार गए थे. एक बार फिर भाजपा के उम्मीदवार के रूप में यहां से मैदान में हैं.
बृजभूषण शरण के बेटे की किस्मत का भी है फैसला
इसके साथ ही यूपी की कैसरगंज भी काफी चर्चित सीट है. जिसमें बृजभूषण शरण सिंह को इस बार विवादों के चलते भाजपा ने टिकट नहीं दिया. लेकिन उनके बेटे करण भूषण सिंह चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं. कौशांबी सीट पर वर्तमान सांसद विनोद सोनकर भी तीसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. उनके खिलाफ महज 25 साल के प्रत्याशी पुष्पेंद्र सरोज समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे हैं.
ये लोग चुनाव के समय जगे हैं- आनंद दुबे
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आनंद दुबे का दावा है कि इस चरण की सभी सीटें भाजपा के कब्जे ही रहेंगी. जनता को पीएम मोदी की गारंटी में पूरा भरोसा है. विपक्ष बिखर गया है. ये लोग चुनाव के समय जगे हैं. ऐसे में जनता इनका भरोसा कैसे करेगी. हर चरण की तरह भाजपा इसमें भी सभी सीटें जीतने जा रही है.