Lok Sabha Elections 2024: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव का रुख अब धीरे-धीरे पूर्वांचल की ओर बढ़ रहा है. पूर्वांचल में कई ओबीसी दिग्गज नेता अपना दम दिखाने में जुटे हैं. ये ऐसे चेहरे हैं जो पिछड़ी जातियों के बड़े नेता होने का दावा करते हैं. इनमें से कई तो ख़ुद ही मैदान में हैं तो किसी के परिवार के सदस्य चुनावी ताल ठोंक रहे हैं. ओम प्रकाश राजभर, अनुप्रिया पटेल, दारा सिंह चौहान, संजय निषाद, स्वामी प्रसाद मौर्य और पल्लवी पटेल जैसे नेताओं की ये असली परीक्षा होगी.
ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने साल 2017 में बीजेपी के साथ गठबंधन किया था, इस चुनाव में सुभासपा को चार सीटों पर जीत मिली थी. हालांकि फिर उन्होंने बीजेपी से गठबंधन तोड़ दिया और 2022 का चुनाव समाजावादी पार्टी के साथ लड़ा. सपा के साथ उनका अलाइंस ज़्यादा दिन नहीं चल पाया और राजभर फिर से एनडीए में शामिल हो गए. ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर घोसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में उनके सामने बेटे की जीत के साथ भाजपा को अन्य सीटों पर बढ़त दिलाने की भी चुनौती है.
अनुप्रिया पटेल भी कुर्मी, पटेल और पिछड़ों की बड़ी नेता मानी जाती है और केंद्र की सरकार में मंत्री है. अपना दल (एस) दो सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इनमें से एक मिर्ज़ापुर सीट पर ख़ुद अनुप्रिया पटेल ही मैदान में हैं. अपना दल पर ख़ुद की दो सीटों के साथ आसपास की सीटों पर भाजपा को भी बढ़त दिलाने की ज़िम्मेदारी है.
दारा सिंह चौहान भी पूर्वांचल की राजनीति में पिछड़ों की राजनीति करने वाले बड़े नेता माने जाते हैं. घोसी उपचुनाव में हार के बाद भी बीजेपी ने उन्हें योगी सरकार में मंत्री बनाया है. ऐसे में उन्हें भी भाजपा के लिए वोटों में बढ़त दिलाने की अग्नि परीक्षा को पार करना होगा.
संजय निषाद योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री है. पूर्वांचल की 24 सीटों पर निषाद बिरादरी का प्रभाव माना जाता है. साल 2017 में निषाद पार्टी ने अकेले ही चुनाव लड़ा था. इसमें उसे सिर्फ़ 3.58 फ़ीसद वोट मिले थे. हालांकि 2019 में बीजेपी के साथ गठबंधन उनके बेटे संतकबीर नगर से सांसद बने. इस बार फिर प्रवीण निषाद भाजपा के निशान पर चुनाव लड़ रहे हैं.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने ओबीसी के नाम पर ही समाजवादी पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया और नई राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी का गठन कर लिया. स्वामी कुशीनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. देखना दिलचस्प होगा कि वो ओबीसी वोट में कितनी सेंध लगा पाते हैं और उससे किस पार्टी को ज़्यादा नुक़सान होगा.
पल्लवी पटेल की अपना दल कमेरावादी ने यूपी में असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM के साथ मिलकर पीडीएम मोर्चा बनाया है और पूर्वांचल की 20 सीटों पर उम्मीदवारों को उतार दिया है. ऐसे में चुनाव में उनकी पार्टी पर भी पूरी नजर बनी हुई है.