बीजेपी से अलग राह पर मेनका गांधी! मुस्लिमों को साधने के लिए बनाई नई रणनीति
Lok Sabha Elections 2024: मेनका गांधी की सुल्तानपुर में चुनावी लड़ाई इसलिए और दिलचस्प हो गई है क्योंकि इस बार उनके बेटे वरुण गांधी ने चुनाव से दूरी रखी है, वो अपनी मां के समर्थन में भी नहीं आए हैं.
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Lok Sabha Elections 2024: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर लोकसभा सीट पर छठवें चरण में 25 मई को वोटिंग होनी है. ऐसे में यहां की राजनीति गरमाई हुई हैं. इस सीट भारतीय जनता पार्टी ने मौजूदा सांसद मेनका गांधी को ही टिकट दिया है. ऐसे में उन्होंने अपने चुनाव प्रचार की कमान अकेले ही संभाली हुई हैं. बीजेपी से अलग राह अपनाते हुए वो नई रणनीति के साथ मैदान में हैं. उनके सामने अपना किला जीतने के चुनौती है.
मेनका गांधी के लिए ये लड़ाई इसलिए और बड़ी हो जाती है क्योंकि इस बार उनके बेटे वरुण गांधी चुनावी मैदान में नहीं है. पीलीभीत से टिकट कटने के बाद वो बीजेपी के किसी मंच पर नहीं दिखाई देते और न ही वो अपनी मां के लिए चुनाव प्रचार करने आए हैं. ऐसे में मेनका गांधी का चुनावी कैंपेन अलग दिख रहा है.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार मेनका ने कहा कि 'मैंने राम मंदिर को यहां कोई मुद्दा नहीं बनाया है. उन्होंने कहा कि मैं अपने काम के बारे में बात कर रही हूं और 'और अधिक' काम करने का वादा करती हूं. लोग बस यही चाहते हैं कि उनकी समस्याओं पर ध्यान दिया जाए और वे नेता के साथ रिश्ते चाहते हैं. बीते पांच सालों में मैंने हर गांव का दौरा करके लोगों से रिश्ते बनाए. यहां सिर्फ स्थानीय मुद्दे हैं. मैं हर किसी के लिए काम करती हूं.'
मुस्लिमों को साधने के लिए रणनीति
दरअसल सुल्तानपुर सीट पर करीब 17 फीसद मुस्लिम वोटर्स हैं. जो निर्णायक भूमिका निभाते हैं. मुस्लिमों को साधने के लिए मेनका गांधी के चुनावी कैंपेन में कभी राम मंदिर और आर्टिकल 370 जैसे मुद्दे दिखाई नहीं देते हैं. जबकि बीजेपी के कैंपेन में राम मंदिर और सनातन के मुद्दे खूब गूंजते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों में भी इसका खूब जिक्र होता है. लेकिन, मेनका गांधी लोगों से अपने कामों का जिक्र करती है.
सुल्तानपुर के लोग मेनका गांधी को माताजी कहकर बुलाते हैं. वो खुद भी ये कह चुकी हैं कि उन्होंने अपने चुनावी कैंपेन में राम मंदिर को मुद्दा नहीं बनाया है. जबकि सुल्तानपुर से अयोध्या की दूरी ज्यादा नहीं है और बीजेपी इसे अपनी बड़ी उपलब्धि में शामिल करती हैं. लेकिन, मेनका गांधी ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिल रही हैं और प्रचार के दौरान अपने काम ही गिनाती है.
मेनका गांधी के लिए अब तक बीजेपी के किसी बड़े स्टार प्रचारक ने कैंपेन नहीं किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित भी उनके लिए चुनाव प्रचार करने नहीं आए हैं. हालांकि आज सीएम योगी आदित्यनाथ सुल्तानपुर पहुंच रहे हैं. ऐसे में वो किन मुद्दों को हवा देते है ये देखने वाली बात होगी.
सुल्तानपुर सीट पर छठवें चरण में वोटिंग होनी है. इस सीट पर मेनका गांधी का मुक़ाबला सपा के रामभुआल निषाद और बसपा के उदराज वर्मा से हैं. ये दोनों ही उम्मीदवार ओबीसी समुदाय से आते हैं. ऐसे में यहां की लड़ाई त्रिकोणीय हो गई है.
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