UP Lok Sabha Elections 2024: देश की सबसे वीवीआईपी वाराणसी लोकसभा सीट पर सातवें चरण में एक जून को वोटिंग होगी. ये सीट इसलिए बेहद खास है क्योंकि ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संसदीय सीट है. पीएम मोदी पिछले दस सालों से यहां सांसद हैं. पीएम मोदी ने 2014 में इस सीट से जितनी बड़ी जीत हासिल की थी, 2019 में उससे भी बड़ी जीत दर्ज की थी. हालांकि अभी भी बीजेपी की मुश्किल कम नहीं हैं. बीजेपी यह तो मान रही है कि वह ये सीट जीत जाएगी लेकिन उसका फोकस जीत का अंतर बढ़ाने पर है. वहीं बीजेपी के अलावा सपा और कांग्रेस के लिए भी राह आसान नहीं है. INDIA अलायंस भले यह दावा कर रही हो कि वह जीत दर्ज करेंगे लेकिन उनके लिए समीकरण अपने पक्ष में करना आसान नहीं है.
भारतीय जनता पार्टी 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत के आंकड़े को और बड़ा करने की तैयारी में हैं ताकि एक नया कीर्तिमान स्थापित हो सके. इन तमाम बातों के बीच इस बार वाराणसी सीट पर चुनाव बेहद अलग हो गया है. कई ऐसे समीकरण है जो पिछली बार से अलग हैं. ऐसे चुनाव पर भी इनका असर देखने को मिलेगा.
वाराणसी में इस बार जो सबसे दिलचस्प बात है वो ये कि इस बार पीएम मोदी के मुकाबले काफी कम उम्मीदवार मैदान में हैं. साल 2014 में 43 उम्मीदवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव में दिखाई दिए थे. इसी तरह साल 2019 में 27 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा थी वहीं इस बार ये संख्या पीएम मोदी समेत घटकर सिर्फ सात ही रह गई है. इससे वोटों का बंटवारा नहीं होगा और पक्ष हो या विपक्ष एकमुश्त वोट पड़ेगा.
बसपा हुई बेहद कमजोर
इस बार बीजेपी का मुकाबला करने के लिए सपा-कांग्रेस गठबंधन मैदान में हैं जबकि पिछली बार सपा-बसपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था. बड़ी बात ये है कि बसपा इस चुनाव में बेहद कमजोर दिख रही है ऐसे में बसपा का दलित वोट और मुस्लिम एकजुट होकर इंडिया गठबंधन के पक्ष में दिख रहे हैं.
मैदान में सिर्फ एक मुस्लिम प्रत्याशी
वाराणसी में मुस्लिम आबादी भी बड़ी संख्या में रहती हैं. बावजूद इसके इस बार चुनाव मैदान में सिर्फ एक ही मुस्लिम उम्मीदवार है जबकि 2014 और 2019 के चुनाव में चार-चार मुस्लिम प्रत्याशी खड़े हुए थे. इस बार सिर्फ बसपा से अतहर जमाल लारी मुस्लिम उम्मीदवार है. ऐसे में मुस्लिम वोटर बंटेंगे नहीं.
इन मुद्दों का भी दिखेगा असर
वाराणसी में काशी कॉरिडोर के लोकार्पण के बाद ये पहला चुनाव हैं वहीं हाल ही राम मंदिर में भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह संपन्न हुआ है जाहिर इसका असर भी दिखाई देगा. वहीं बीजेपी ने चुनाव से पहले काशी में इतना बड़ा नारी वंदन कार्यक्रम किया जिसमें पीएम मोदी भी शामिल हुए थे. आधी आबादी के लिए इतना बड़ा कार्यक्रम किसी और पार्टी ने नहीं किया.