Varanasi Lok Sabha Seat News: उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट देश की वीवीआईपी सीट है. इस सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं. इस बार 2024 में उनके खिलाफ चुनाव मैदान में सबसे कम छह उम्मीदवार ही हैं. जबकि इस सीट से 41 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया था जिसमें 33 प्रत्याशियों के नामांकन रद्द हो गए और एक प्रत्याशी ने पर्चा वापस ले लिया. इस तरह वाराणसी में पीएम मोदी को मिलाकर कुल सात प्रत्याशी ही मैदान में हैं. इनमें गठबंधन प्रत्याशी अजय राय का नाम भी शामिल हैं.
बीते दो चुनावों की बात की जाए तो 2014 वाराणसी से कुल 42 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे, इस चुनाव में दूसरे स्थान पर आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल रहे थे. वहीं साल 2019 में 26 प्रत्याशियों ने किस्मत आजमाई थी. इस चुनाव में सपा की शालिनी राय दूसरे नंबर पर रहीं. इस बार उम्मीदवारों ने दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं किया.
वाराणसी लोकसभा सीट भारतीय जनता पार्टी का गढ़ मानी जाती है. इस सीट पर साल 1991 के बाद से लगातार बीजेपी जीतती आ रही है. हालांकि 2004 में केवल एक बार कांग्रेस के राजेश कुमार मिश्रा को जीत मिल पाई थी. इस क्षेत्र में अधिकांश सवर्ण वोटर्स हैं. जिनमें ब्राह्मण, भूमिहार और जयसवाल शामिल हैं, इनके अलावा मुस्लिम और ओबीसी भी बड़ी तादाद में हैं.
अजय राय (कांग्रेस-सपा गठबंधन प्रत्याशी)
इस बार पीएम मोदी को चुनाव मैदान में टक्कर देने के लिए छह उम्मीदवार ही मैदान में हैं. इनमें सबसे पहला नाम कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का है जो इंडिया गठबंधन की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं. अजय राय एक मजबूत छवि के नेता माने जाते हैं वो साल 2009, 2014 और 2019 में चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन तीनों बार तीसरे स्थान पर रहे और बड़े अंतर से हारे. इस बार सपा-कांग्रेस का गठबंधन होने की वजह से वो मजबूत टक्कर दे रहे हैं. पिछले दिनों कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और सपा सांसद डिंपल यादव भी उनके समर्थन में चुनाव प्रचार के लिए पहुंची थी.
अतहर जमाल लारी (बहुजन समाज पार्टी)
बहुजन समाज पार्टी ने यहां से अतहर जमाल लारी (70) को मैदान में उतारा है. लारी 1960 के दशक से समाजवादी राजनीति से जुड़े रहे हैं. वो जनता पार्टी में भी विभिन्न पदों पर रहे. साल 1984 में उन्होंने पहली बार वाराणसी से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए, इसके बाद साल 1991 में जनता दल के टिकट पर वाराणसी कैंट से विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और दूसरे स्थान पर रहे. 2004 में लारी ने अपना दल से चुनाव लड़ा और तीसरे स्थान पर रहे. 2022 के चुनाव में उन्होंने सपा का समर्थन किया और अब बसपा से चुनाव लड़ रहे हैं.
कोलिसेट्टी शिव कुमार (युग तुलसी पार्टी)
इस लिस्ट में अगला नाम युग तुलसी पार्टी के कोलिसेट्टी शिव कुमार का है जो मूलरूप से हैदराबाद के रहने वाले हैं और तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के पूर्व बोर्ड सदस्य हैं. उन्होंने लंबे समय तक गायों के संरक्षण के लिए काम किया है. वो तीन गौशालाओं के मालिक हैं, जिनमें 1,500 गायों को आश्रय दिया गया है. उनका चुनावी मुद्दा है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए.
गगन प्रकाश यादव (अपना दल कमेरावादी)
वाराणसी सीट से अपना दल कमेरावादी से गगन प्रकाश यादव (39) मैदान में है और पीडीएम (पिछड़ा, दलित और मुस्लिम) के नारे के साथ ताल ठोंक रहे हैं. उन्हें असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी का भी समर्थन है. ओवैसी उनके चुनाव प्रचार के लिए भी वाराणसी आए थे.
दिनेश कुमार यादव और संजय कुमार (निर्दलीय प्रत्याशी)
इनके अलावा दो निर्दलीय प्रत्याशी दिनेश कुमार यादव और संजय कुमार तिवारी भी पीएम मोदी के खिलाफ ताल ठोंक रहे हैं. दिनेश कुमार पिछले 15 सालों से स्थानीय राजनीति में एक्टिव हैं उनका कहना है कि वो देश में लोकतंत्र बचाने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं वहीं संजय कुमार दिल्ली में सामाजिक कल्याण कार्य करते हैं और गांधीवादी विचारधारा को फॉलो करते हैं.
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