UP Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के नजरिए से देखें तो उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल मैदान में हैं. इसको और भी छोटा करना चाहें तो भारतीय राष्ट्रीय विकासशील समावेशी गठबंधन (INDIA) बनाम राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की लड़ाई कह सकते हैं. हालांकि अभी तक बसपा दोनों में से किसी भी अलायंस का हिस्सा नहीं है. यूपी में BJP नीत NDA में अपना दल (एस), निषाद पार्टी और सुभासपा है. वहीं INDIA में फिलहाल सपा, कांग्रेस, रालोद, अपना दल कमेरावादी, महान दल है. 


इन सबके बीच एक नए समीकरण बनने के संकेत हैं. माना जा रहा है कि INDIA और NDA दोनों के साथ न जाकर, बसपा अपना एक अलग अलायंस बनाएगी. इसमें उसका साथ देगी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानी AIMIM.हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की अध्यक्षता वाली पार्टी ने साल 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव भी लड़ा था और साल 2023 में संपन्न हुए नगर निकाय चुनावों में भी बढ़चढ़कर हिस्सा लिया था.


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AIMIM ने यूपी में तीसरा मोर्चा बनाया 
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी AIMIM ने यूपी में तीसरा मोर्चा बनाया था. इसमें बसपा के पूर्व नेता बाबू सिंह कुशवाहा की पार्टी जन अधिकार पार्टी और वामन मेश्राम की अगुवाई वाले भारतीय मुक्ति मोर्चा के साथ मिलकर भागीदारी परिवर्तन मोर्चा बनाया गया था. 2022 के चुनाव में तो इस तीसरे मोर्चे ने कोई कमाल नहीं दिखाया लेकिन 2023 में हुए निकाय चुनावों में पार्टी के 75 पार्षदों जीत दर्ज की. ऐसे में AIMIM उत्साहित है.


उस चुनाव में AIMIM को सबसे ज्यादा वोट मेरठ में मिले थे. भारतीय जनता पार्टी के हरिकांत अहलूवालिया ने 2.35 लाख वोट ( 41% फीसदी) के साथ मेयर पद जीता, वहीं AIMIM के अनस को 1.28 लाख वोट (22.37%) मिले. यह सपा उम्मीदवार सीमा प्रधान को 13,000 वोट से अधिक मिले. वह मेरठ के सरधना से सपा विधायक अतुल प्रधान की पत्नी हैं.


एआईएमआईएम के अनुसार उसके उम्मीदवारों ने निकाय चुनावों में 83 वार्डों में पार्षदों और सभासद के तौर पर जीत हासिल की. निकाय चुनाव में AIMIM ने 17 मेयर सीटों में से 10 पर चुनाव लड़ा.पार्टी ने 52 नगर पालिका परिषद अध्यक्ष, 63 नगर पंचायत अध्यक्ष और 653 वार्ड और परिषद सदस्य के लिए उम्मीदवार मैदान में उतारे थे.


AIMIM के लिए भी खाता खोलने की संभावना!
माना जा रहा है कि AIMIM पश्चिमी यूपी की सहारनपुर, मेरठ, रामपुर, संभल, बुलंदशहर, अलीगढ़ कैराना, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद समेत 29 मुस्लिम बहुल सीटों पर अपनी ताकत झोंक सकती है. अब जबकि पार्टी की बसपा से अलायंस से खबरें आ रही हैं ऐसे में यह संभव है कि AIMIM 10-15 सीटों पर चुनाव लड़े. अगर ऐसा हुआ तो एक ओर जहां बसपा के लिए यह फायदेमंद होगा कि मुस्लिम वोट बैंक उसके साथ जुड़ा रहेगा वहीं बसपा के दलित वोटों की मदद से AIMIM के लिए भी खाता खोलने की संभावना है.


अब यह देखना दिलचस्प होगा कि निकाय चुनावों में AIMIM का कमाल लोकसभा में भी दिखेगा या नहीं. या फिर 2022 के विधानसभा चुनाव की तरह ही पार्टी के हाथ निराशा लगेगी. अगर बसपा और एआईएमआईएम के बीच गठबंधन हुआ तो इंडिया अलायंस के लिए मुस्लिम वोट बैंक को सहेजना मुश्किल हो सकता है. हालांकि अभी तक बसपा और Aimim, दोनों की ओर से अलायंस के मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.