Lok Sabha Elections Result 2024: लोकसभा चुनाव में यूपी में इस बार बीजेपी की सीटें आधी से भी कम रह गई हैं. हारने वालों में 7 केंद्रीय मंत्रियों के नाम भी शामिल हैं. इसका असर आगामी एनडीए सरकार 3.0 पर भी देखने को मिल सकता है. नई सरकार में जहां यूपी की भागेदारी कम हो जाएगी तो वहीं चुनाव हारने वाले मंत्रियों की जगह कई नए चेहरों को भी मौका मिल सकता है. 


उत्तर प्रदेश साल 2019 में बीजेपी समेत एनडीए के पास कुल 65 सांसद थे लेकिन इस बार प्रदेश में एनडीए का प्रदर्शन बेहद खराब रहा और ये आंकड़ा 35 पर जाकर सिमट गया. जाहिर है कि कम सांसदों की वजह से इस बार यूपी की भागेदारी भी केंद्र में कम रहेगी. इसमें जातीय समीकरण को साधना भी जरुरी होगा. 


यूपी से इन्हें मिल सकता है मौका
हिन्दी अखबार अमर उजाला की एक रिपोर्ट के अनुसार जानकारों की मानें तो इस बार एनडीए की सरकार में यूपी के पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा और योगी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को ब्राह्मण चेहरे के तौर पर शामिल किया जा सकता है. जबकि ओबीसी चेहरे के तौर पर भोला सिंह, छत्रपाल गंगवार, पंकज चौधरी और विनोद बिंद में दो लोग शामिल हो सकते हैं. वहीं दलितों को साधने के लिए सतीश गौतम, अनूप वाल्मीकि और एसपी सिंह बघेल में से किन्ही दो को मंत्री बनाया जा सकता है. 


बीजेपी ने इस बार यूपी में पीएम मोदी समेत 11 मंत्रियों को चुनाव मैदान में उतारा था. जिनमें 7 मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समेत डा. महेंद्र नाथ पांडेय, जालौन से भानु प्रताप सिंह वर्मा, मुजफ्फरनगर से संजीव बालियान, लखीमपुर खीरी से अजय मिश्र टेनी, मोहनलालगंज से कौशल किशोर और फतेहपुर से साध्वी निरंजन ज्योति चुनाव हार गए, वहीं योगी सरकार के मंत्री जितिन प्रसाद पीलीभीत और हाथरस से अनूप प्रधान वाल्मीकि ने जीत हासिल की.
 
दिल्ली में सात जून को एनडीए की एक बैठक होने जा रही है जिसमें नई केंद्र सरकार के नए स्वरूप को लेकर चर्चा होगी. किस राज्य को कितनी भागीदारी दी जाएगी और कितने मंत्री होंगे इस पर भी फ़ैसला लिया जा सकता है. बैठक में पीएम मोदी समेत एनडीए के तमाम घटक दल मौजूद रहेंगे. 


'पीएम मोदी तो खुद को बता रहे थे अवतारी..', अयोध्या में जीत के बाद बोले अवधेश प्रसाद