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कुर्सी की जंग में ‘चुनावी जेम्स बॉन्ड’ बिगाड़ेंगे सूरमाओं का खेल

Loksabha Election 2019: चुनाणी रण में राजनीतिक दलों और नेताओं के पीछे लगे हैं ‘चुनावी जेम्स बॉन्ड’, जो इनकी जासूसी कर निजी सूचनाएं इकट्ठा करने में लगे हुए हैं।

नई दिल्ली, एबीपी गंगा। सत्ता के महासंग्राम में कुर्सी तक पहुंचना आसान नहीं होगा। भले ही देशभर में घूम-घूमकर राजनीतिक दल अपने पक्ष में समर्थन जुटाने में लगे हैं, लेकिन मैदान में कोई और भी है जो पर्दे के पीछे से इन सूरमाओं का खेल बिगाड़ सकते हैं। चुनाणी रण में राजनीतिक दलों और नेताओं के पीछे लगे हैं ‘चुनावी जेम्स बॉन्ड’,  जो इनकी जासूसी कर निजी सूचनाएं इकट्ठा करने में लगे हुए हैं।

जासूसी एजेंसियों के संपर्क में कई नेता

एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट डिटेक्टिव एंड इन्वेस्टिगेटर (APDI) के मुताबिक, इन चुनावी जेम्स बॉन्ड या कहें जासूसी के जरिए राजनीतिक दल अपने विरोधियों पर पैनी नजर गढ़ाए हुए हैं। इसके लिए वे जासूसी एजेंसियों की मदद ले रहे हैं, ताकि विरोधियों के चुनाव प्रचार को प्रभावित किया जा सके।

जिन्हें टिकट नहीं मिला, वो भी संपर्क में

जासूसी एजेंसियों के संपर्क में वो नेता भी हैं, जिन्हें टिकट नहीं मिला। कहा जा रहा है कि इनका उद्देश्य पार्टी के प्रत्याशी की छवि को धूमिल करना है, ताकि उसके जीतने की संभावनाओं को प्रभावित या कहें खत्म किया जा सके। जासूसी एजेंसियों के जरिए नेता विरोधी खेमे की हर रणनीति पर नजर रखे हुए हैं और उनकी हर दिन की गतिविधियों पर निगाह गढ़ाए हुए है। इसके लिए वे मोटी रकम भर रहे हैं।

जासूसी में कितना खर्च कर रहे नेता

जासूसी एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि विरोधी खेमे की जासूसी के लिए नेतागण या दलों से एक लाख से लेकर 60 लाख रुपये तक की फीस ली जा रही है।

किस-किस चीज पर है नजर

  • विरोधियों के हर भाषण का वीडियो बनाना
  • पार्टी के भीतर बैठे विरोधियों पर नजर
  • गुप्त आधिकारिक रिकॉर्ड निकलवाना
  • अवैध संबंधों से जुड़े वीडियो या अन्य जानकारी
  • टिकट मांगने वालों का लेखाजोखा बड़े दल जासूसों से निकलवाते हैं
  • टिकट बेचने या खरीदने से जुड़ी गुप्त सूचना

चुनाव में जासूसी की बात पहले भी आ चुकी है सामने

  • 2018 के मध्य प्रदेश चुनाव में भी निजी जासूसों की सेवा लेने की बात सामने आ चुकी है।
  • यहां तक की 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान जासूसी का मुद्दा भी गरमाया। हाल में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा भी किया कि 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान उनकी प्रचार टीम की जासूसी करने की कोशिश की गई थी।
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