LOKSABHA ELECTION 2019: अतीत की यादों में अटल की जीप का वो मजेदार किस्सा
एबीपी गंगा में चुनावी यादों के किस्से में आज हम आपको अटल बिहारी वाजपेयी की जीप से जुड़ा एक किस्सा बताने जा रहे हैं। ये चुनावी किस्सा 1957 का है।
नई दिल्ली, एबीपी गंगा। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अतीत की यादों से जुड़ा एक और किस्ता आज हम आपके लिए लेकर आए हैं। ये किस्सा देश के पूर्व दिवगंत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ा है। सरल, सज्जन, सौम्य और हंसमुख थे अटल। उनकी शालीनता के चर्चे तो आज भी राजनीति गलियारों में होते हैं। ऐसा ही एक किस्सा 1957 का है, जो चुनावी यादों में आज भी जिंदा है।
जब अटल ने मारा जीप में धक्का
अटल से जुड़ा इतिहास के पन्नों में एक और किस्सा भी जुड़ा है। जिसका जिक्र पूर्व विधायक और जनसंघ के नेता रहे सुखदेव प्रसाद ने किया है। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की तारीफ करते हुए कहा कि उनके जैसा हंसमुख और बड़े दिल वाला नेता मिलना मुश्किल है। आज भी उनकी यादें जेहन में ताजा हैं। उन्होंने 1957 का एक किस्सा सुनाया।
'1957 में अटल बिहारी वाजपेयी बलरामपुर सीट से चुनाव लड़ने आए थे। उनको लेकर जनसंघ कार्यकर्ताओं में गजब का जोश था। उस दौर में ऊबड़-खाबड़ रास्तों और खेत की मेड़ों से होकर अटलजी के साथ उनके कार्यकर्ताओं का कारवां जनसंपर्क के लिए पहुंचता था। उस वक्त प्रचार के लिए उनके पास एक पुरानी जीप थी, ये जीप पार्टी ने ही उन्हें मुहैया कराई थी। जीप की हालत का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि वह हर दो-तीन किलोमीटर पर जाकर खड़ी हो जाती थी। फिर धक्का देने के बाद ही दोबारा स्टार्ट होती थी। एक दिन अटल जी बलरामपुर सदर विधानसभा क्षेत्र के सिंघाही गांव में चुनाव जनसभा को संबोधित करने के लिए निकले, यहां जाने का रास्ता खेतों से होकर गुजरता था। जीप बीच रास्ते में ही खड़ी हो गई। सभी जीप से धक्का लगाने के लिए निकले, पीछे से अटल जी भी उतर आए और कहने लगे- ‘ मैं जीप में बैठा रहूं और आप लोग जीप से नीचे उतरकर धक्का दें, अच्छा नहीं लगता है।‘ फिर एक किलोमीटर तक उन्होंने जीप में धक्का लगाया और फिर सभा स्थल पर पहुंचे। सभा खत्म होने के बाद वाजपेयी जी ने जीप के ड्राइवर को अपने पास बुलाया और कहने लगे अरे भाई तुम क्यों थके दिख रहे हो, जीप में धक्का तो हम लगा रहे थे। फिर क्या था वहां मौजूद सभी लोग ठहाके लगाकर हंसने लगे।'