2019 का अग्निपथ: मैनपुरी में महागठबंधन की महारैली की 10 बड़ी बातें
मैनपुरी में महागठबंधन की महारैली की 10 बड़ी बातें पढ़िए। 25 साल बाद मुलायम और मायावती एक मंच पर नजर आए। मायावती ने मुलायम के लिए वोट मांगे, तो नेताजी बोले- मायावती का हमेशा सम्मान करना।
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मैनपुरी में महागठबंधन की हुई महारैली की सबसे दिलचस्प तस्वीर ये रही कि करीब 25 साल बाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और बीएसपी सुप्रीमो मायावती साथ दिखाई दिए। 2 जून, 1995 को हुए गेस्टहाउस कांड के बाद दोनों पार्टियों की राहें जुदा हो गई थीं। अब मोदी का विजय रथ रोकने के लिए सपा-बसपा ने हाथ मिला लिया है और चुनावी मैदान में एकजुट होकर बीजेपी के खिलाफ लड़े हैं।
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रैली के दौरान सपा संरक्षक मुलायम सिंह याद ने मायावती का शुक्रिया अदा करते हुए समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा कि मायावती और बहुजन समाज पार्टी का समान करना। रैली को संबोधित करते हुए मुलायम ने कहा कि मायावती अच्छी नेता हैं। मायावती का एहसान कभी नहीं भूलूंगा। मायावती जी हमारे लिए वोट मांगने आई हैं, उसके लिए बहुत धन्यवाद। वहीं, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी अपने संबोधन में ये बात दोहराई।
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इस रैली में मुलायम ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वे आखिरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। इसी के साथ उन्होंने मैनपुरी की जनता से भारी वोट देने की अपील की। बता दें कि मैनपुरी में तीसरे चरण यानी 23 अप्रैल को चुनाव है।
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कभी मुलायम और सपा की धुरविरोधी रहीं मायावती मैनपुरी रैली में मुलायम के लिए वोट मांगते दिखीं। उन्होंने कहा कि मैनपुरी की जनता से सपा संरक्षक को रिकॉर्ड वोटों से जिताने की अपील की। इतना ही नहीं, मायावती ने अपने भाषण में मुलायम सिंह यादव को पिछड़े वर्ग का असली नेता बताया और पीएम नरेंद्र मोदी को फर्जी पिछड़ा बताया।
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जिस गेस्टहाउस कांड की वजह से सपा-बसपा एक-दूसरे की कट्टर दुश्मन बन गई। मैनपुरी में भाषण के शुरू में मायावती ने उसी गेस्टहाउस कांड का जिक्र करते हुए कहा कि हमें कभी- कभी कठिन फैसले भी लेने होते हैं। इस वक्त इस फैसले की जरूरत थी।
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मैनपुरी रैली के दौरान मायावती ने केंद्र की मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि अगर केंद्र में हमारी सरकार बनाती है, तो हम बीजेपी-कांग्रेस की तरह छोटी-मोटी आर्थिक मदद नहीं करेंगे। बल्कि नौकरियां दिलाने के साधन लाएंगे। उन्होंने कहा कि मोदी ने हमारे गठबंधन को शराब बताया था, लेकिन मैं ये कहना चाहती हूं कि आप लोग बीजेपी को केंद्र की सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए नशे में हैं, अब आप लोग बीजेपी को सत्ता से हटाकर ही दम लें।
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रैली के मायावती ने इशारों में बगैर नाम लिए शिवपाल यादव और उनकी पार्टी का घेराव करते हुए कहा कि मुलायम सिंह यादव की विरासत के असली और एकमात्र हकदार अखिलेश यादव ही हैं।
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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी कहा कि मायावती जी का एहसान हम कभी नहीं भूलेंगे। उन्होंने नेताजी की बात को दोहराते हुए कहा कि हमारी आपकी जिम्मेदारी है कि आप हमेशा बीएसपी और मायावती जी का सम्मान करेंगे। इसके साथ ही मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए अखिलेश ने कहा कि नौजवानों का भविष्य अंधकार में है। नौकरी और रोजगार खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि जब नया प्रधानमंत्री बनेगा तभी हमारा भारत नया बनेगा। अखिलेश ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के कारण व्यापार खत्म होने के कगार पर आ गए हैं।
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अखिलेश यादव ने कहा कि सपा और बसपा ने मिल कर प्रदेश की तरक्की की है। मुलायम के लिए वोटों की अपील करते हुए अखिलेश ने कहा कि देश की सबसे बड़ी जीत मैनपुरी से नेताजी की होने जा रही है। यूपी सरकार का घेराव करते हुए अखिलेश बोले कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बदहाल है, 100 नबंर बेकार हो गया है। वहीं, मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा कि हमारे देश के पीएम चायवाला बनकर आए थे, अब चौकीदार बनकर आए हैं।
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मैनपुरी रैली के खत्म होने के बाद मायावती ने अपने भतीजे आकाश को मुलायम सिंह यादव से मिलवाया। वहीं, अखिलेश ने मुलायम के कान में आकाश का परिचय दिया और फिर मुलायम ने अपना हाथ आकाश के सिर पर रखकर आशीर्वाद दिया।