लखनऊ, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं ने भले ही महिला उम्मीदवारों पर भरोसा न किया हो, लेकिन मोहनलालगंज लोकसभा सीट पर हमेशा महिलाओं का दबदबा रहा है। ये उन चुनिंदा लोकसभा सीटों में से हैं, जहां के मतदाता महिला सशक्तिकरण का मजबूत संदेश देते रहे हैं। यहां के मतदाताओं ने हमेशा महिलाओं को जबदस्त समर्थन दिया है।
इसलिए खास है मोहनलालगंज संसदीय क्षेत्र
इस संसदीय सीट की सबसे खास बात ये भी है कि यहां के ज्यादातर क्षेत्र ग्रामीण है। इतना ही नहीं, यहां का लिंगानुपाल कई बड़े शहरों से भी बेहतर हैं। यहां प्रति 1000 पुरुषों पर 906 महिलाएं हैं। कहते हैं कि विकास की धारा तबतक निरतंर प्रवाहित नहीं हो सकती, जबतक उसमें ग्रामीण वर्ग और महिलाएं सम्मिलित न हो। जिस तरह मोहनलालगंज संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं ने (ज्यादातर ग्रामीण) महिलाओं पर भरोसा जताया और उन्हें संसद पहुंचाया, उसके दूर-दूर तक चर्चे होते हैं।
पांच विधानसभा क्षेत्रों से बनी यह लोकसभा सीट
- मोहनलालगंज लोकसभा सीट के तहत पांच विधानसभा सीटें आती हैं।
- सिधौली, मलिहाबाद, बख्शी का तालाब, सरोजनी नगर और मोहनलालगंज विधानसभा सीटें।
- इनमें मौजूदा वक्त में तीन सीटों पर बीजेपी का कब्जा है।
- मोहनलालगंज में सपा और सिधौली सीट पर बसपा का विधायक है।
गंगा देवी ने लगाई जीत की हैट्रिक
राजधानी लखनऊ, सीतापुर और उन्नाव से सटी मोहनलालगंज लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है। 1962 में इस लोकसभा सीट का गठन हुआ और पहली बार यहां से कांग्रेस की टिकट पर गंगा देवी ने जीत दर्ज की। गंगा देवी की जीत का ये सिलसिला लगातार तीन लोकसभा चुनाव तक जारी रहा। इमरजेंसी ने गंगा देवी की जीत की राह में ब्रेक लगाया और वे आपातकाल के बाद हुए चुनाव में भारतीय लोकदल के रामलाल कुरीन से चुनाव हार गईं।
दो बार जीतीं रीना चौधरी
कांग्रेस का गढ़ बनी इस सीट पर अगर कोई पार्टी अपना परचम लहरा पाई, तो वो है समाजावादी पार्टी। सपा की रीना चौधरी पर दो बार इस जीत पर जीत दर्ज कर संसद पहुंचीं। 1998 और 1999 में रीना चौधरी ने भाजपा की पूर्णिमा वर्मा को हार का स्वाद चखाया। उसके बाद 2009 में यहां के मतदाताओं ने सपा की सुशीला सरोज पर भरोजा जताया और उन्होंने बसपा के जयप्रकाश को करारी शिकस्त दी।
भाजपा ने पहनी तीन बार जीत की माला
मोहनलालगंज के मतदाता भाजपा को भी जीत का स्वाद चखा चुकी है। इस सीट से भाजपा ने तीन बार जीत की माला पहनी है। इसमें दो बार पुरुष प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की, जबकि एक बार महिला प्रत्याशी ने पार्टी को जिताया।
- 1991 के आम चुनाव में भाजपा के छोटेलाल ने जनता पार्टी के प्रत्याशी दिनेश कुमार को हराया।
- पूर्णिमा वर्मा के बाद 2014 में कौशल किशोर संसद पहुंचे।
मोहनलालगंज की जनसंख्या | 26,95,769 |
ग्रामीण आबादी | 75.19% |
शहरी आबादी | 24.81% |