पीएम मोदी बोले- किसानों का कल्याण हो, सेना समर्थ बने, गांवों में पानी पहुंचे...यही मेरा राष्ट्रवाद है
राष्ट्रवाद के पर सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि देश में किसानों का कल्याण हो, ये मेरा राष्ट्रभाव है, ये मेरी राष्ट्रभक्ति है, ये मेरा राष्ट्रवाद है, सेना समर्थ बने, उसको सुरक्षा के साधनों की कमी ना हो, उसके कंफर्ट में कोई कमी ना रहे ये मेरी राष्ट्रभक्ति है।
नई दिल्ली, एबीपी गंगा। लोकसभा चुनाव के छह चरणों के लिए वोटिंग हो चुकी है, अब बाकी दो चरणों के लिए सभी राजनीतिक दल पूरा जोर लगाकर प्रचार कर रहे हैं। इसी प्रचार कार्यक्रम के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने अपने रैली के मंच से एबीपी न्यूज़ से एक्सक्लुसिव बातचीत की है। इस इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने अपने ऊपर हो रहे व्यक्तिगत हमलों से लेकर तमाम राजनीतिक मुद्दों से जुड़े सवालों के जवाब दिए। प्रधानमंत्री ने अपने विरोधियों पर हमला बोला तो साथ ही बीजेपी के अपने दम पर तीन सौ सीटों लाने के सवाल का भी जवाब दिया। प्रधानमंत्री ने ममता बनर्जी से लेकर प्रियंका गांधी तक के बयानों का जवाब दिया। प्रधानमंत्री मोदी से यह खास बातचीत की हमारे संवाददाता विकास भदौरिया ने...
2019 का धर्मयुद्ध
इंटरव्यू में पीएम मोदी से सवाल पूछा गया कि 2019 के धर्मयुद्ध में ये तय होगा कि कौन गलत लोगों के साथ खड़ा है, कौन अच्छे लोगों के साथ खड़ा है। इस सवाल का जवाब देते हुए पीएम ने कहा कि 'मैं हमेशा कहता हूं और पार्लियामेंट में भी कहा था कि हमारा एक ही धर्म है, मां भारती की सेवा, हमारी एक ही धर्म पुस्तक है: भारत का संविधान. हमारा एक ही संकल्प है: देश के करोड़ों नागरिकों की सेवा करना, उनके जीवन में बदलाव लाना और उस संकल्प को लेकर पिछले पांच साल देश की जनता ने हमें जो आशीर्वाद दिए, उस आशीर्वाद को हमने शब्दश: लेटर एंड स्पिरिट में पालन करने का पूरा प्रयास किया है। आज हरियाणा में ये मेरा पहला कार्यक्रम है, अनेक राज्यों में जाकर मैं आया हूं, मैं अनुभव करता हूं कि इस बार वर्तमान सरकार को दोबारा लाने के लिए प्रो:इंकम्बेंसी वेव चल रहा है। हरियाणा की मेरी आज पहली सभा है, 12 तारीख को हरियाणा में मतदान होने वाला है, हरियाणा में भी वही उमंग, उत्साह मैं आज देख रहा हूं।'
जितना कीचड़ उछालोगे कमल उतना ही ज्यादा खिलेगा
2019 के चुनाव में हो रहे चुनाव के दौरान सियासी दलों की तरफ से जिस तरह की भाषा का प्रयोग किया जा रहा है उस पर पीएम मोदी ने कहा कि 'हम जिस परिवार में पैदा हुए हैं, जिस समाज में पैदा हुए हैं, जिस बैकग्राउंड से आए हैं, हम जानते हैं कि जो नामदार होते हैं, कामदारों का अपमान करना हम छोटे लोगों का अपमान करना ये उनके जेहन में होता है। बार बार अपमानित करना, भद्दे से भद्दी गालियां देना, हमारे स्वर्गस्त पिताजी को भी गाली देना. हमारी वयोवृद्ध माताजी को भी गाली देना ये सिलसिला कई सालों से चल रहा है लेकिन वे नामदार हैं, इसलिए आप जैसे मीडिया के लोग भी उनके खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं करते हैं। हम कामदार हैं गालियां सुनना हमारे नसीब में लिखा है, लेकिन गालियां सुनकर भी समाजसेवा के हमारे रास्ते पर से हम भटकते नहीं हैं और दूसरा ये जो कीचड़ उछाल रहे हैं। उन्होंने अनुभव कर लिया है कि मुझपर और हमारी पार्टी पर आप जितना कीचड़ उछालोगे कमल उतना ही ज्यादा खिलेगा।'
पश्चिम बंगाल की सियासत पर बोले पीएम
जय श्री राम के नारे को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के गुस्से पर बोलते हुए पीएम ने कहा कि 'पश्चिम बंगाल की जनता भली भांति जानती है कि ममता जी की दाम और दमन की राजनीति उसका अंत हो चुका है। अब कोई उनको बचा नहीं सकता है और इसलिए वो लोकतंत्र को ही खत्म करने पर तुली हुई हैं। आए दिन वहां के राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या करना, सभाएं विफल करने के लिए जितना ही दमन कर सकती हैं करें। कुछ नौजवानों ने रास्ते पर जय श्रीराम बोला. तो उनपर जुल्म बरसा. लेकिन उनको याद रहना चाहिए कि महात्मा गांधी ने भी हमेशा कहा है कि उनके जीवन को बनाने में राम के नाम की बहुत बड़ी भूमिका रही है और वो जीवन के अंत तक राम नाम से जुड़े रहे थे. और ममता जी को राम नाम से नफरत है। ममता जी को दुर्गा पूजा में कठिनाई हो रही है। ममता जी को काली के उत्सव में मुसीबत हो रही है, तो शायद वोट बैंक की राजनीति में ममता जी ऐसी फंस गईं हैं, कि वह वहां के नागरिकों के सामान्य अधिकारों को भी कुचलने पर तुली हुईं हैं। आज बंगाल बहुत बड़ा संकट बना है. और मैं चाहूंगा कि इस देश का न्यूट्रल मीडिया जो आए दिन जम्मू कश्मीर की चर्चा करता है. जम्मू कश्मीर में पिछले दिनों पंचायत के चुनाव हुए। एक हिंसा की घटना नहीं हुई। बंगाल के अंदर पंचायत के चुनाव हुए, अनेक लोगों की हत्या हुई, अनेक लोग मारे गए। अभी पार्लियामेंट के चुनाव हुए कहीं हिंसा की घटना की बड़ी खबरें नहीं आईं हैं। अकेले मात्र पश्चिम बंगाल से हिंसा की घटना की खबरें आ रही हैं. उम्मीदवारों को मारा जा रहा है। बूथ कैप्चर करने की कोशिश हो रही है। तो लोकतंत्र के सामने खतरा है. और ये देश में बुद्धिजीवियों ने कभी ना कभी चर्चा करनी चाहिए। सिर्फ कोई मोदी विरोध करता है इसलिए उसके सारे पाप धुल जाते हैं। ये जो लुटियंस वालों ने दुनिया खड़ी की है और उसमें आप जैसे चैनल भी बह जाते हैं, उसने बहुत बड़ा नुकसान किया है।'
पुलवामा पर किया गया सवाल
पुलवामा को लेकर किए गए सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि पहली बात है कि चुनाव के मुद्दे नहीं बदले हैं। 2014 में 26 मई को हमारी सरकार बनी, संसद में जिस दिन मुझे नेता चुना गया उस दिन मैंने कहा था सरकार गरीबों को समर्पित है। हमने 5 साल जो काम किया है, चाहे गरीबों को घर देना हो, गांव-गांव बिजली पहुंचानी हो, चाहे घरों के अंदर बिजली का कनेक्शन देना हो, चाहे काले धन पर वार करना हो, चाहे भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लड़ाई लड़नी हो, देश में ईमानदारी की ताकत बढ़ाने का काम हो, चाहे सामान्य वर्ग को 10 परसेंट आरक्षण देने की बात हो, चाहे किसान सम्मान निधि के जरिए हर साल 75 हजार करोड़ रुपये किसानों के खाते में जमा करने वाली बात हो, ऐसे अनगिनत काम हमारी सरकार ने किया है और हम उन्हीं बातों को लेकर चुनाव में हैं लेकिन हमें समझना चाहिए कि यह चुनाव नगर पालिका का नहीं है। यह अंबाला का चुनाव नहीं है, ये रोहतक शहर का चुनाव नहीं है, ये हिंदुस्तान का चुनाव है, हिंदुस्तान के चुनाव में हिंदुस्तान की सेना है, रक्षा का बजट है, हिंदुस्तान की सीमाएं हैं, हमारे पड़ोस में आतंकवाद एक्सपोर्ट करने का उद्योग चल रहा है तो स्वाभाविक है कि देश में सुरक्षा का मुद्दा सही मुद्दा है. क्योंकि ये जनता को जानने का हक है. सवाल कांग्रेस से पूछना चाहिए कि आप देश की सुरक्षा के लिए आपकी नीति क्या है। उन्होंने संकल्प पत्र में कहा है कि हम सेना को कम कर देंगे, पाकिस्तान भी कहता है कि कश्मीर से सेना हटाओ, वो कहता है कि सेना को जो अधिकार मिला है जो सुरक्षा कवच मिला है वो हटाओ, कांग्रेस वाले कहते हैं कि वो हटाएं, मैं हैरान हूं कि देश की सेना के प्रति ये भाव, सुरक्षा के प्रति भाव, कैसे देश का भला होगा, जहां तक राष्ट्रभक्ति ये हमारे रगों में है, आजादी का आंदोलन राष्ट्रभक्ति की ही प्रेरणा थी. भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु ने अपना जीवन दे दिया देश के लिए, राष्ट्रभक्ति ही प्रेरणा है. परिवार भक्ति के लिए काम करने वाले बहुत राजनीतिक दल देखें, पुत्र प्रेम की राजनीति करने वाले बहुत राजनीतिक दल देखें, अब देश को सिर्फ देश से प्रेम करने वालों की जरूरत है और बीजेपी ने सिर्फ और सिर्फ देश और इसके 125 करोड़ नागरिक को अपना आराध्य देव माना है और उसी की सेवा करते हैं, हम घर बनाते हैं गरीब के लिए, वहीं हमारे लिए देशभक्ति है, हम स्वच्छता का अभियान करते हैं वो भी हमारे लिए देशभक्ति है. हम आयुष्मान भारत योजना के लिए 5 लाख रुपया मुफ्त इलाज के लिए व्यवस्था किया तो हमारी देशभक्ति जन समान्य का कल्याण, यही हमारी देशभक्ति है।'
यही मेरा राष्ट्रवाद है
राष्ट्रवाद के पर सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि देश में किसानों का कल्याण हो, ये मेरा राष्ट्रभाव है, ये मेरी राष्ट्रभक्ति है, ये मेरा राष्ट्रवाद है, सेना समर्थ बने, उसको सुरक्षा के साधनों की कमी ना हो, उसके कंफर्ट में कोई कमी ना रहे ये मेरी राष्ट्रभक्ति है, हमारे देश के स्पेस में हम प्रगति करें, हम मंगलयान हो, चंद्रयान हो हम उसमें आगे बढ़ें, हम मनुष्य को लेकर तिरंगा लेकर अंतरिक्ष में जाएं, ये हमारी राष्ट्रभक्ति है, हमारी मिसाइल चलते हुए सेटेलाइट को गिरा दे ये हमारी राष्ट्रभक्ति है, हमारी राष्ट्रभक्ति दुश्मनों को दुनिया पहचाने, मसूद अजहर को आंतकवादी घोषित करे, ये हमारी राष्ट्रभक्ति है। हमारे गांवों में पानी पहुंचे ये हमारी राष्ट्रभक्ति है, कांग्रेस के समय में जो रेल खड्डे में जा रही थी उसमें गति लाना हमारी राष्ट्रभक्ति है, डबल रोड बनाना ये हमारी राष्ट्रभक्ति है, इसको और आगे बढ़ाना हमारी राष्ट्रभक्ति है, हमारे देश के नौजवानों को उनके आशा आकांक्षा के अनुसार मुद्रा योजना के तहत बैंकों से पैसा दिलाकर अपने पैरों पर खड़ा कराना, 17 करोड़ से ज्यादा ऐसे लोन दिए गए हैं, साढ़े चार करोड़ ऐसे नौजवान हैं जिन्होंने पहली बार लोन प्राप्त की है ये हमारी राष्ट्रभक्ति है और इसलिए जिनको ना राष्ट्र की समझ है ना भक्ति की समझ है, जनेऊ दिखाने से ना भक्ति आ जाती है और ना भारत बोलने से भक्ति आ जाती है, खपना पड़ता है, जिंदगी खपानी पड़ती है, परिवारवाद से बाहर आना पड़ता है , वंशवाद से बाहर आना पड़ता है, जातिवाद से बाहर आना पड़ता है।