पौड़ी गढ़वाल, एबीपी गंगा। उत्तराखंड की पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट राज्य का सबसे बड़ा संसदीय क्षेत्र है। भौगोलिक जटिलताओं वाली इस सीट पर करीब तीन दशक तक कांग्रेस और दो दशक तक भाजपा का परचम रहा है। यूपी के मुख्यमंत्री और इंदिरा गांधी के करीबी रहे हेमवती नंदन बहुगुणा समेत कई नेता यहां से जीतकर केंद्रीय मंत्री बने।
कांग्रेस के डॉ. भक्तदर्शन यहां से लगातार चांर बार सांसद रहे। पहले लोकसभा चुनाव 1951 से लेकर 1971 तक भक्तदर्शन यहां से सांसद बनकर लोकसभा पहुंचे। नेहरू सरकार में भक्तदर्शन को शिक्षा मंत्री भी बनाया गया। 1971 में कांग्रेस की ही टिकट पर प्रताप सिंह नेगी यहां से सांसद बने। आपातकाल के बाद कांग्रेस के खिलाफ चली लहर के कारण 1977 में यह सीट पंजे के कब्जे से निकल गई। भारतीय लोक दल की टिकट पर जगन्नाथ शर्मा ने कांग्रेस के हाथ से यह सीट छिनी। 1980 में हेमवती नंदन बहुगुणा कांग्रेस (आई) यहां चुनाव जीते। 1984 में कांग्रेस की टिकट पर चंद्रमोहन सिंह नेगी चुनाव जीते। 1989 में चंद्रमोहन सिंह नेगी ने जनता दल की टिकट पर चुनाव लड़ा और फिर जीते।
1991 में पहली बार यह सीट भाजपा के खाते में गई और मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूड़ी यहां से विजयी हुए। 1996 में ऑल इंडिया इंदिरा कांग्रेस (तिवारी) की तरफ से सतपाल महाराज ने मामूली अंतर से खंडूड़ी को हरा दिया। इसके बाद तो 1998, 99 और 2004 में लगातार बीसी खंडूड़ी चुनाव जीते। 2009 में सतपाल महाराज ने भाजपा के टीएस रावत को हराकर चुनाव जीता। तत्कालीन यूपीए सरकार ने उन्हें जीत का तोहफा देते हुए कैबिनेट में शामिल किया।
2014 में भाजपा ने फिर खंडूड़ी पर दांव खेला और सीट अपनी झोली में की। खंडूड़ी ने रिकॉर्ड पांचवी बार यहां से जीत दर्ज की। खंडूड़ी अटल बिहारी वाजपेई सरकार में केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री रहते हुए उल्लेखनीय काम कर वाजपेई के निकटस्थ नेताओ में शुमार रहे हैं।
प्रदेश की हॉट सीट बनी
यह चुनाव इसलिए भी कुछ अलग है क्योकिं इस बार बीसी खंडूड़ी चुनाव मैदान में नहीं होंगे। 1991 से अब तक भाजपा के टिकट पर जीतते (2009 को छोड़कर) आ रहे जनरल खंडूड़ी ने चुनाव लड़ने से पहले ही मना कर दिया है। हालांकि इस बार चुनाव में बीसी खंडूड़ी के बेटे मनीष खंडूड़ी कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि भुवन चंद की जगह उनके राजनीतिक शिष्य तीरथ सिंह रावत मैदान में हैं।
क्या रहा 2014 में हाल
भाजपा के मेजर जनरल बीसी खंडूड़ी यहां से सांसद हैं। उन्होंने 4,05,690 मत प्राप्त किए थे। खंडूड़ी ने कांग्रेस की तरफ से मैदान में उतरे डॉ. हरक सिंह रावत को हराया था। रावत को 2,21,164 मत प्राप्त हुए थे। कांग्रेस में खटपट के बाद हरक सिंह रावत भाजपा में शामिल हो गए हैं। खंडूड़ी के चुनाव लड़ने से इन्कार के बाद भाजपा ने तीरथ सिंह रावत को मैदान में उतारा है।
क्या है भौगोलिक खाका
गढ़वाल लोकसभा का समूचा भूभाग पर्वतीय है। इस लिहाज से ये सीट बेहद कठिन और दुरूह मानी जाती है। लोकसभा का एक हिस्सा चमोली जनपद में चीन की सीमा से सटा है तो दूसरा कुमाऊं की सीमा से लगा है। संसदीय सीट की सबसे बड़ी खासियत इसमें शामिल हिंदुओं के दो पवित्र धाम बदरीनाथ और केदारनाथ धाम है। सभी प्रयाग भी इसी चुनाव क्षेत्र की सीमा में आते हैं।
ये विधानसभा सीटें हैं शामिल
बदरीनाथ, केदारनाथ, थराली, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, नरेंद्रनगर, यमकेश्वर, श्रीनगर, चौबट्टाखाल, लैंसडौन, कोटद्वार, पौड़ी और रामनगर, देवप्रयाग
आम मुद्दे
पांच जिलों वाली इस लोकसभा में समस्याएं अनेक हैं। क्षेत्र में किसानों की खेती को नुकसान पहुंचाते वन्य जीव, बाढ़ और आपदा, चारधाम यात्रा के लिए बन रहे ऑल वेदर रोड का अधूरा पड़े रहना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के प्रोजेक्ट में तेजी सुस्ती जैसे मुद्दे हैं। इसके आलावा पहाड़ से सबसे ज्यादा पलायन पौड़ी से ही हुआ है। किसी भी सरकार ने पलायन के मुद्दे पर गंभीरता नहीं दिखाई।
ये रहे सांसद
वर्ष सांसद दल
1951 डॉ. भक्तदर्शन सिंह कांग्रेस
1957 डॉ.भक्तदर्शन सिंह कांग्रेस
1962 डॉ. भक्तदर्शन सिंह कांग्रेस
1967 डॉ. भक्तदर्शन सिंह कांग्रेस
1971 प्रताप सिंह नेगी कांग्रेस
1977 जगन्नाथ शर्मा बीएलडी
1980 हेमवती नंदन बहुगुणा कांग्रेस (आई)
1984 चंद्रमोहन सिंह नेगी कांग्रेस
1989 चंद्रमोहन सिंह नेगी जनता दल
1991 भुवन चंद्र खंडूड़ी भाजपा
1996 सतपाल महाराज ऑल इंडिया इंदिरा कांग्रेस (तिवारी)
1998 भुवन चंद्र खंडूड़ी भाजपा
1999 भुवन चंद्र खंडूड़ी भाजपा
2004 भुवन चंद्र खंडूड़ी भाजपा
2009 सतपाल महाराज कांग्रेस
2014 भुवन चंद्र खंडूड़ी भाजपा
कुल मतदाता: 1337306
पुरुष: 6,98,981
महिला: 638311
ट्रांस जेंडर- 14
सर्विस वोटर: 33653