लखनऊ, एबीपी गंगा। लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है और 2019 का ताज किसके सिर सजेगा, इसके लिए 23 मई तक का इंतजार करना होगा। इस चुनाव में कौन-किसपर भारी पड़ेगा अब इसका फैसला तो मतदाताओं के पाले में हैं। चुनावी दंगल में हार-जीता का दौर तो चलता आया है। साथ ही, राजनीतिक बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी चरम पर रहता है, लेकिन चुनावी दौर के कुछ चुनावी यादें हमेशा के लिए जेहन में बैठ जाती हैं, जिन्हें अक्सर याद किया जाता है या यूं कहें कि वे कभी भूली ही नहीं जा सकती। एबीपी गंगा के इस चुनावी यादों के सफर में हम आज ऐसी ही अतीत से जुड़ी रोचक चुनावी किस्सों से आपको रूबरू कराने जा रहे हैं।


वाजपेयी की रविशंकर को अटल सीख   


पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के ऐसे नेता थे, जिनका सम्मान विपक्षी दलों के नेता भी करते थे। उनका सरल, शालीन स्वभाव विपक्ष को भी उनके सम्मान में नतमस्तक होने पर मजूबर कर देता था। हालांकि कुछ भी एकतरफा नहीं होता, अटल जी की नजरों में भी विपक्ष का वहीं सम्मानजनक स्थान था। कहते है विपक्षी दलों के खिलाफ अपमानजनक या आपत्तिजनक बात करने पर अटल जी अपनी पार्टी के नेताओं को भी डांट लगा देते थे।


एक वाक्या था जब अटल जी ने अपनी सरकार में कोयला मंत्री रहे रविशंकर प्रसाद को सख्त सीख दी थी, क्योंकि उन्होंने उस वक्त लालू प्रसाद यादव के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जो उन्हें अच्छी नहीं लगी। उन्होंने रविशंकर प्रसाद को चाय पर बुलाया, इस दौरान उन्होंने उनसे सीमित बात की। जाते-जाते उन्होंने रविशंकर से कहा- ‘आप भारत गणराज्य के मंत्री हैं, बिहार गणराज्य के नहीं। इस बात का आपको ध्यान रखना चाहिए।‘