UP Politics: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले I.N.D.I.A गठबंधन में रार! सपा-कांग्रेस में इस बात पर छिड़ी जुबानी जंग
UP Politics: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले यूपी में इंडिया गठबंधन के बीच मतभेद देखने को मिल रहा है, कांग्रेस ने बागेश्वर की हार के लिए सपा को जिम्मेदार बताया तो सपा ने भी पलटवार किया.
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले यूपी की घोसी सीट (Ghosi Bypoll) और उत्तराखंड की बागेश्वर सीट (Bageshwer Seat) पर हुए उपचुनाव के बाद कांग्रेस (Congress) और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. घोसी में सपा की जीत के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय (Ajay Rai) ने बागेश्वर में मिली हार के लिए सपा पर ठीकरा फोड़ दिया और कांग्रेस की हार के लिए सपा को जिम्मेदार बताया, जिसके बाद सपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. सपा प्रवक्ता और उत्तराखंड के प्रभारी राजेंद्र चौधरी ने अब कांग्रेस को जवाब दिया है.
कांग्रेस अध्यक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए सपा नेता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि कांग्रेस ने सपा के पहले कोई भाव ही नहीं दिया था, उन्हें लगा कि हमें यहां सपा के साथ की जरुरत नहीं है और जब हमने अपना प्रत्याशी वहां उतार दिया और कांग्रेस उपचुनाव हार गई तो अब वो हमारे ऊपर ही आरोप लगा है. सपा नेता ने कहा कि हमने यूपी में राजनीति शिष्टाचार निभाते हुए कांग्रेस से घोसी में समर्थन मांगा था, लेकिन बागेश्वर में कांग्रेस ने ऐसा कुछ नहीं किया.
अजय राय का सपा पर आरोप
दरअसल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने तीन दिन पहले एक कार्यक्रम के दौरान बागेश्वर में मिली हार के लिए सपा को जिम्मेदार बताया था. उन्होंने कहा कि हमने घोसी उपचुनाव में सपा का साथ दिया. इस जीत में कांग्रेस का भी योगदान है लेकिन बागेश्वर में सपा ने ऐसा नहीं किया और अपना प्रत्याशी उतार दिया, जिसने कांग्रेस को हराने का काम किया. उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव की कथनी और करनी में अंतर है.
सपा का कांग्रेस पर पलटवार
अजय राय के आरोपों का जवाब देते हुए सपा नेता ने कहा कि बागेश्वर में कांग्रेस को लगा कि उन्हें सपा के साथ की जरुरत नहीं है. उन्होंने राजनीतिक शिष्टाचार तक निभाने की कोशिश नहीं की और न ही हमसे मदद मांगी. जबकि घोसी में हमने राजनीतिक शिष्टाचार निभाया था और कांग्रेस से मदद मांगते हुए चिट्ठी लिखी थी. राजेंद्र चौधरी ने कहा कि वो खुद चिट्ठी लेकर उनके पास गए थे. अगर बागेश्वर में उन्होंने हमसे मदद मांगी होती तो सपा अध्यक्ष बड़ा दिल दिखाते हुए अपने प्रत्याशी का नामांकन तक वापस ले लेते.
यूपी में कांग्रेस और सपा के बीच ये जुबानी जंग ऐसे समय में तेज हुई है जब इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग तक को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका है. ऐसे में माना जा रहा है कि गठबंधन में आने वाले समय में और परेशानियां देखने को मिल सकती है. हालांकि इन बातों पर सपा नेता का कहना है कि इससे इंडिया गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि ये लोकल चुनाव था और लोकसभा में हम सब मिलकर 2024 में बीजेपी का मजबूती से मुकाबला करने के लिए तैयार हैं.