UP Politics: 2024 को लेकर अखिलेश यादव ने संभाला मोर्चा, BJP को टक्कर देने के लिए बनाई नई रणनीति
Samajwadi Party: सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा, हमने जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्षों की बैठक की थी. सबसे कहा है कि बूथ स्तर पर संगठन में कहीं भी बदलाव करना और सुधार करना हो उसे मजबूत करिए.
Lok Sabha Election 2024: आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने खुद पूरी तरह से मोर्चा संभाल लिया है. अखिलेश यादव खुद जिलेवार वहां के पदाधिकारियों साथ बैठकें कर रहे हैं. शुक्रवार को भी सपा अध्यक्ष ने सोनभद्र, मिर्जापुर के पदाधिकारियों साथ बैठक की और बूथ स्तर पर संगठन मजबूत करने को कहा.
सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि 'एक बूथ, 20 यूथ' पर सपा काम कर रही है. अभी नगरीय निकाय का चुनाव समाप्त हुआ है. चुनाव के तत्काल बाद 29 मई को हमने जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्षों की बैठक की थी. सबसे कहा है कि बूथ स्तर पर संगठन में कहीं भी बदलाव करना और सुधार करना हो उसे मजबूत करने के लिए काम करिए. बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने के लिए सभी नेताओं से बात की जा रही हैं.
सपा ने दिया जीत का मंत्र
नरेश उत्तम पटेल ने कहा, 'समाजवादी पार्टी का वन बूथ 20 यूथ का कांसेप्ट हैं. कम से कम 20 जिम्मेदार लोगों को बूथ कमेटी में स्थान देंगे. सभी बूथ पर अनुभवी, युवा, महिला, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक, सामान्य सबको जोड़कर कमेटी बनाएंगे. नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि जल्द हमारी प्रदेश कमेटी आ जाएगी, मंथन चल रहा है.
सपा के आने वाले दिनों में लखीमपुर के गोल गोकर्णनाथ और सीतापुर के नैमिषारण्य में होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम पर भी नरेश उत्तम पटेल ने जानकारी दी. उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए अखिलेश यादव की ओर दिशा निर्देश दिए गए हैं. अभी 5 और 6 जून के लखीमपुर वाले कार्यक्रम की तैयारी चल रही है, बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जाना है.
'आपातकाल से ज्यादा खराब हालात'
भाजपा के इमरजेंसी पर फ़िल्म दिखाने की प्लानिंग पर नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि पूरे देश के लोग भारतीय जनता पार्टी के कुशासन से पीड़ित है. इमरजेंसी से भी ज्यादा ज्यादती, अन्याय और पक्षपात हो रहा है. पूरे प्रदेश में जैसा माहौल है, हम लोगों ने इमरजेंसी भी देखी, उस समय विद्यार्थी थे. इमरजेंसी के समय नेताओं को रोका गया था लेकिन उनके परिवारों को किसी तरह से परेशान नहीं किया गया, लेकिन भाजपा धर्म, जाति को देखकर, पार्टी विरोधी लोगों को देखकर लोकतंत्र को कमजोर करने का जो काम कर रही है.
ये आपातकाल से भी ज्यादा खराब स्थिति है. मुझे महसूस होता है कि 1975 के आपातकाल से ज्यादा खराब स्थिति इस समय है. मुझे नहीं बल्कि सभी सियासी दल यह कह रहे हैं. जिन दलों ने इमरजेंसी लगाई थी वह भी यह बात कह रहे हैं.
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