समाजवादी पार्टी का मजबूत किला रही है मैनपुरी लोकसभा सीट, यहां हर लहर रही है बेअसर
मुलायम सिंह यादव एलान कर चुके हैं कि वे आखिरी चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसे में एक बार फिर बीजेपी के लिए इस सीट पर कड़ा इम्तिहान है।
मैनपुरी, एबीपी गंगा। मैनपुरी लोकसभा सीट यूपी की हाई-प्रोफाइल सीटों में शामिल है। समाजवादी पार्टी के मजबूत किले में से एक मैनपुरी लोकसभा सीट से पांचवीं बार मुलायम सिंह यादव मैदान में हैं। 2014 की मोदी लहर में भी सपा इस सीट को बचाने में कामयाब रही थी। 2014 में जीत दर्ज करने के बाद मुलायम सिंह यादव ने इस सीट को छोड़ दिया था, जिसके बाद उनके पोते तेजप्रताप सिंह यादव उपचुनाव में बड़े अंतर से जीत कर लोकसभा पहुंचे थे।
मुलायम सिंह यादव एलान कर चुके हैं कि वे आखिरी चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसे में एक बार फिर बीजेपी के लिए इस सीट पर कड़ा इम्तिहान है। मुलायम सिंह यादव चार बार इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं। इस बार वे सपा-बसपा-रालोद के संयुक्त प्रत्याशी हैं। उनका मुकाबला बीजेपी के प्रेम सिंह शाक्य से है।
मैनपुरी लोकसभा सीट की पृष्ठभूमि
मैनपुरी लोकसभा सीट देश में हुए पहले चुनाव के समय से ही चर्चा में रही है। 1952 से लेकर 1971 तक हुए देश में कुल 5 चुनाव में यहां से कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। हालांकि, 1977 की सत्ता विरोधी लहर में जनता पार्टी ने कांग्रेस को मात दी थी, पर अगले ही साल 1978 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने सीट वापस ले ली। 1984 में यहां कांग्रेस को आखिरी बार जीत नसीब हुई थी, जिसके बाद से ही ये सीट क्षेत्रीय दलों के कब्जे में रही है। 1989 और 1991 में यहां लगातार जनता पार्टी ने जीत दर्ज की।
शिवपाल साबित हो सकते हैं अहम फैक्टर
गौरतलब है कि मैनपुरी क्षेत्र में ही जसवंतनगर आता है, जो कि शिवपाल यादव का विधानसभा क्षेत्र है। शिवपाल यादव इस बार समाजवादी पार्टी से अलग होकर अपनी नई पार्टी बना चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसे में उनका भी इस सीट पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी में रहते हुए भी शिवपाल यादव की संगठन पर मजबूत पकड़ थी।
मैनपुरी लोकसभा सीट का समीकरण
2014 के आंकड़ों के अनुसार मैनपुरी लोकसभा में करीब 16 लाख से अधिक वोटर हैं। जातीय समीकरण को देखें तो इस सीट पर यादव वोटरों का वर्चस्व है, यहां करीब 35 फीसदी मतदाता यादव समुदाय से हैं, जबकि करीब 2.5 लाख वोटर शाक्य हैं। यही कारण रहा है कि यहां समाजवादी पार्टी का एक छत्र राज चलता है।
विधानसभा क्षेत्र
मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में कुल 5 विधानसभाएं आती हैं। इनमें मैनपुरी, भोगांव, किषनी, करहल और जसवंतनगर हैं। बता दें कि जसवंतनगर शिवपाल यादव का विधानसभा क्षेत्र है। 2017 के विधानसभा चुनाव में इनमें से सिर्फ भोगांव ही भारतीय जनता पार्टी के खाते में गई थी, जबकि बाकी सभी 4 सीटें सपा के खाते में गईं थीं।
2014 में कैसा रहा जनादेश
2014 के चुनाव में चली मोदी लहर का इस सीट पर कोई असर देखने को नहीं मिला था और तत्कालानी समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। उनके सीट छोड़ने के बाद यहां हुए उपचुनाव में तेजप्रताप सिंह यादव ने भी भारी अंतर से चुनाव जीता था। तेजप्रताप यादव को यहां करीब 65 फीसदी वोट मिले, जबकि उनके सामने खड़े बीजेपी के उम्मीदवार को सिर्फ 33 फीसदी वोट मिले थे। 2014 उपचुनाव में यहां करीब 62 फीसदी मतदान हुआ था।