(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
2024 पर अखिलेश यादव बोले- 'केसीआर, ममता बनर्जी और शरद पवार तैयार कर रहे विकल्प, BJP से सहयोगी दल खुश नहीं'
Lokshabha Election 2024: अखिलेश यादव ने बिहार में राजनीतिक बदलाव को एक 'सकारात्मक संकेत' करार देते हुए उम्मीद जतायी है कि 2024 चुनाव में बीजेपी के खिलाफ एक मजबूत विकल्प तैयार होगा.
Lucknow News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बिहार में हुए राजनीतिक बदलाव को एक 'सकारात्मक संकेत' करार देते हुए उम्मीद जतायी है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ एक मजबूत विकल्प तैयार होगा. उन्होंने यह भी दावा किया कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी के सहयोगी दल उससे खुश नहीं हैं और भविष्य में वे इस सत्तारूढ पार्टी से नाता तोड़ लेंगे.
'महागठबंधन की सरकार बनाना एक सकारात्मक संकेत'
अखिलेश यादव ने गुरुवार को कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीजेपी-नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से नाता तोड़कर राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस तथा कई अन्य दलों के साथ मिलकर महागठबंधन की सरकार बनाना एक 'सकारात्मक संकेत' है. उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ एक मजबूत विकल्प तैयार होगा. उन्होंने उत्तर प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव और रामपुर तथा आजमगढ़ लोकसभा सीट के उपचुनाव में सपा की पराजय के लिए चुनाव आयोग की 'बेईमानी' को जिम्मेदार करार दिया और कहा कि अगर आयोग ने ईमानदारी से काम किया होता तो नतीजे कुछ और ही होते.
सपा अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी ने राज्य का पिछला विधानसभा चुनाव लोकतंत्र बचाने की अपील के साथ लड़ा था, मगर नतीजा सबके सामने है. उन्होंने कहा, ''देश में अब कोई भी निष्पक्ष संस्थान बाकी नहीं रह गया है. सरकार दबाव डालकर इन संस्थानों से मनमाफिक काम कराती है. अखिलेश यादव ने आरोप लगाया, ‘‘चुनाव आयोग ने बहुत बेईमानी की. बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से काट दिये गये. रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा कार्यकर्ताओं को वोट नहीं डालने दिया गया, जबकि आजमगढ़ में सपा कार्यकर्ताओं को रेड कार्ड जारी किये गये. क्या चुनाव आयोग सो रहा था? उसने हमारी शिकायतों पर ध्यान ही नहीं दिया.''
पार्टी संगठन को मजबूत करने के सवाल पर सपा अध्यक्ष ने कहा कि उनका पूरा ध्यान पार्टी को मजबूत करने पर है और इसी साल दल का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि पार्टी का सदस्यता अभियान चल रहा है और उसे अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है. सपा अध्यक्ष ने बताया कि इस बार यह अभियान मोबाइल ऐप्लीकेशन के जरिये चलाया जा रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया, ''उत्तर प्रदेश में बीजेपी के सहयोगी दल उससे खुश नहीं हैं. देखिये, उन्हें (सहयोगी दलों को) आखिर क्या मिल रहा है. एक दिन वे सभी उसका (बीजेपी का) साथ छोड़ जाएंगे.’’
दूसरी डोज से जुड़े आंकड़े बताए फर्जी
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में अपना दल (सोनेलाल) और निषाद पार्टी बीजेपी के सहयोगी दल हैं. वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का विकल्प तैयार करने में सपा की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर यादव ने कहा, ''तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार विकल्प तैयार करने पर काम कर रहे हैं. इस वक्त हमारा ध्यान उत्तर प्रदेश में पार्टी को मजबूत करने पर है.'' वर्ष 2019 में सपा, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव साथ मिलकर लड़ा था. बसपा को 10 और सपा को पांच सीटें मिली थी, जबकि रालोद का खाता नहीं खुल सका था. गत जून में रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव हारने के बाद सपा की सीटों की संख्या घटकर तीन रह गयी है.
इस साल के अंत में होने वाले नगरीय निकाय चुनावों के बारे में सपा अध्यक्ष ने कहा कि इसकी तैयारियां की जा रही हैं और इसके लिए प्रभारियों की नियुक्ति की गयी है. अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि कोविड-रोधी टीके की दूसरी डोज से जुड़े आंकड़े फर्जी हैं. उन्होंने कहा, ‘‘अस्पतालों में दवाएं और डॉक्टर नहीं हैं. लोगों को इलाज नहीं मिल पा रहा है. राज्य के चिकित्सा विश्वविद्यालय में दलाल घूम रहे हैं, मंत्री और अधिकारी मनमानी कर रहे हैं, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समीक्षा बैठकों में व्यस्त हैं.’’
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