रायबरेली: फास्टटैग न होने पर कैश लेन पर लंबी कतार, दोगुने टैक्स से बचने के लिये वाहन चालक संयमित दिखे
15 दिसंबर से सरकार द्वारा फास्टटैग अनिवार्य किये जाने के बाद कैश लेन पर लंबी लंबी कतारें देखने को मिल रही है। वहीं कई वाहन चालकों के पास अभी भी फास्टटैग न होने से अन्य लेन खाली रहीं
रायबरेली, एबीपी गंगा। फास्टटैग की अनिवार्यता को लेकर सरकार सख्त नजर आ रही है। अब आपको टोल फास्टटैग से ही देना पड़ेगा। डर ऐसा कि किसी भी लेन में वाहन लेकर घुस जाने वाले चालक संयमित थे। छह-छह लेन खाली थी, लेकिन वाहन चालकों ने उन पर जाने की हिमाकत नहीं की। क्योंकि ये लेन फास्टैग की थी। जबकि उन्हें कैश में शुल्क जमा करके निकलना था। रविवार को हाईवे पर पड़ने वाले टोल प्लाजा पर कुछ ऐसा ही नजारा दिखा।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने अपने नेशनल हाईवे के टोल पर फास्टैग लेन पर अमल शुरू कर दिया है। पहले भी यह सुविधा थी, लेकिन इसे अनिवार्य नहीं किया गया था। फिर एक दिसंबर से एक लेन छोड़ कर शेष फास्टैग करना था। गलत लेन में जाने पर दोगुना शुल्क लिया जाना था। लेकिन, इसके बाद 15 दिसंबर तक छूट दे दी गई थी। इसके मोहलत के बीतने के बाद शनिवार की रात 12 बजे के बाद फास्टैग का नियम कड़ाई से लागू हो गया। छह लेन वाले टोल में आने-जाने के लिए एक लेन कैश रखी गई थी। कैश वाली लेन पर ही सबसे अधिक वाहन गुजरे। जबकि फास्टैग लेन पर ज्यादातर समय सन्नाटा रहा। उधर, एनएचएआइ के प्रबंधक (तकनीकि) उत्कर्ष शुक्ल ने कहा कि बेहतर सुविधा के लिए सभी वाहन चालक फास्टैग की सुविधा का लाभ उठाएं।