Ram Mandir: माता सीता को प्यास लगने पर श्रीराम ने तीर से रेखा खींचकर बना दी थी नदी, यहां कभी नहीं सूखता पानी
Ram Mandir Opening: अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर दुनिया भर के राम भक्तों में उत्साह का माहौल है. ऐसे में हम आपके लिए श्रीराम से जुड़ा रोचक किस्सा लेकर आए हैं.
![Ram Mandir: माता सीता को प्यास लगने पर श्रीराम ने तीर से रेखा खींचकर बना दी थी नदी, यहां कभी नहीं सूखता पानी Lord Ram brought out water from ramrekha river with arrow when Sita was thirsty Ayodhya Ram Mandir Inauguration ann Ram Mandir: माता सीता को प्यास लगने पर श्रीराम ने तीर से रेखा खींचकर बना दी थी नदी, यहां कभी नहीं सूखता पानी](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/01/15/824d0bba53dd9b59ca82db3bbad31fb81705331100243432_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Basti Ram Sita Story: अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर राम भक्तों में उत्साह का माहौल है. अयोध्या के साथ-साथ भगवान से जुड़ी अन्य जगहों पर भी बड़ी संख्या में लोग जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश का बस्ती जनपद भी भगवान श्रीराम के जीवन से जुड़े कई किस्सों को समेटे हुए है. महर्षि वशिष्ठ की धरती कहे जाने वाले बस्ती जिले में भगवान राम, मां सीता से जुड़ी बहुत सी मान्यताएं प्रचलित हैं.
कहते हैं कि जब स्वयंवर के बाद भगवान राम सीता जी के साथ वापस लौट रहे थे तो उस समय माता सीता को प्यास लगी. आसपास जब पानी नहीं मिला तो प्रभु राम ने अपने तरकश में से एक तीर निकाला और एक रेखा खींची. रेखा खींचते ही जलधारा फूट पड़ी. जिसके बाद उसी जलधारा से निकले पानी को माता सीता ने पीकर अपनी प्यास बुझाई.
रेखा से हुई थी ‘रामरेखा नदी’ की उत्पत्ति
मान्यताओं के मुताबिक यह जलधारा ही रामरेखा नदी है. दरअसल पौराणिक कथाओं के मुताबिक जब भगवान रामचंद्र मां सीता संग विवाह करके जनकपुर से अयोध्या आ रहे थे. तभी विक्रमजोत विकास खंड के रामजानकी मार्ग पर मां सीता को प्यास लग गई. इसके बाद भगवान राम ने तीर से रेखा खींची और इसी रेखा से ‘रामरेखा नदी’ की उत्पत्ति हुई थी. वर्तमान में रामायणकालीन प्रसंगों की चित्रकारी से यहां स्थित रामरेखा मन्दिर परिसर की सुंदरता में चार चांद लग गए हैं.
लोगों को खूब भा रही चित्रकारी
भगवान राम से जुड़े प्रसंगों की चित्रकारी लोगों को खूब भा रही है. रामरेखा मंदिर की दीवारों पर राम दरबार, वशिष्ट आश्रम में धनुर्विद्या, सूपनखा की नाक काटने का प्रसंग, राम-लक्ष्मण व मां सीता का वन गमन, शबरी के जूठे बेर खाते प्रभु राम, सीता हरण, हनुमान-सुरषा प्रसंग, लंका-दहन, वानर सेना द्वारा रामसेतु निर्माण आदि प्रसंगों की सुंदर चित्रकारी की गई है.
ये भी पढ़ें-
AIMIM के साथ यूपी में BSP का अलायंस होगा सफल? सर्वे में मायावती के लिए जनता ने दिए ये संकेत
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)