Varanasi News: देश के साथ-साथ विदेश में भी मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम के व्यक्तित्व की खूब चर्चा हो रही है. आपको जानकर हैरानी होगी कि काशी में साल 1983 में ही एक ऐसा बैंक स्थापित किया गया था जिसका नाम राम रमापति बैंक है. इस राम रमापति बैंक को संत रामदास द्वारा स्थापित किया गया था. इसका प्रमुख उद्देश्य संपूर्ण विश्व में प्रभु राम नाम का गुंजन हो और लोगों को सभी रोग व्याधि संकट से मुक्ति दिलाना है. इस बैंक के माध्यम से लोग राम नाम जपना, लिखना और सुमिरन करने जैसी क्रियाओं को पूर्ण करते हैं.


प्रभु राम को याद करने की तीन क्रियाएं


वाराणसी के राम रमापति बैंक के मैनेजर दास कृष्ण चंद्र बताते हैं कि वाराणसी में राम रमापति बैंक की स्थापना संवत 1983 में संत रामदास द्वारा की गई थी. इस बैंक का प्रमुख उद्देश्य संपूर्ण विश्व में राम नाम का गुंजन हो, जिससे लोगों को सभी दुख पीड़ा से मुक्ति मिल सके. इस बैंक में विशेष तौर पर तीन क्रियाओं के आधार पर प्रभु राम नाम का सुमिरन होता है. जिसमें पहला आधार प्रभु राम नाम का जाप है. यह राम नाम जाप प्रथम वर्ष में सुबह 9 माला शाम 9 माला, 2 वर्ष में 18 माला सुबह 18 माला शाम, तृतीय वर्ष में 27 माला सुबह 27 माला शाम को करना है.


उन्होंने बताया कि दूसरी प्रमुख क्रिया में 21 महीने तक प्रभु राम नाम का सुबह और शाम पाठ करना है. इसके अलावा तीसरी जो सबसे सरल प्रक्रिया है वह 8 महीने तक प्रतिदिन 500 बार भगवान राम नाम का लेखन है. इन विधि के आधार पर लोग प्रभु राम नाम का सुमिरन करते हैं और निर्धारित अवधि तक अपनी साधना को राम रमापति बैंक के माध्यम से पूर्ण करते हैं.


अब तक 19 अरब से अधिक राम नाम का जाप


बैंक के मैनेजर ने बताया कि दशकों से स्थापित इस बैंक में अब तक 19 अरब 45 करोड़ 34 लाख 25 हजार राम नाम को जमा किया जा चुका है. दशकों से राम नाम के सुमिरन से लोगों को अनेक व्याधि संकट से मुक्ति मिलती चली आ रही है और यह बैंक प्रभु राम को समर्पित है. इसके अलावा अयोध्या में बन रहे भव्य मंदिर को लेकर बैंक मैनेजर ने कहा कि यह गौरव का विषय है. हम सभी राम भक्त इस ऐतिहासिक दिन को वंदन करते हैं, प्रभु राम की कृपा संपूर्ण विश्व पर बनी रहे. 


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