एबीपी गंगा। वैश्विक महामारी कोरोना से आए संकट को टालने के लिये समाज का हर तबका अपने स्तर से प्रयासरत है। जहां सरकार लॉकडाउन कर चिकित्सा व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटी है। वहीं, चिकित्सा वैज्ञानिक वैक्सीन के द्वारा इसका तोड़ खोज रहे हैं। ऐसे में देश के धर्माचार्य भी इस संकट को टालने के लिए भक्ति साधना को अपना हथियार बना रहे हैं। धार्मिक नगरी वृन्दावन में महामारी नाश के लिए महाकाल भगवान भोलेनाथ की वैदिक पद्धति से आराधना की गई । वृन्दावन के धर्माचार्य ने अतिरूद्राभिषेक किया और लोगों ने इसे ऑनलाइन सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर लाइव देख कर घर बैठे ही पूजा की ।


दरअसल, सोमवार को सोम प्रदोष के अवसर पर यहां के एक मन्दिर में भगवान शिव की अनोखी पूजा की गई। यहां भगवान का शिव का रुद्राभिषेक आचार्य विष्णुकांत शास्त्री के निर्देशन में हुआ लेकिन इस रुद्राभिषेक से धर्माचार्यों ने 21 से ज्यादा देशों के 1331 लोग जोड़े। धर्माचार्य मृदुल कांत शास्त्री ने ऑनलाइन सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म जरिये लोगों से घर बैठे ही पूजा करवाई। पूरे विधि विधान से करीब 3 घण्टे तक चली इस पूजा को लोगों ने घर बैठे ही अपने परिवार के साथ किया।



सनातन धर्म में मान्यता है कि भगवान शिव काल के देवता हैं। इसलिए उनको प्रसन्न करने से इस महामारी से निजात मिलने की धर्म प्रेमी लोग उम्मीद जताते हैं । इस रुद्राभिषेक का आचार्यत्व कर रहे आचार्य विष्णु कांत शास्त्री ने बताया कि शास्त्रों में और वेदों में विशेष मंत्र हैं, उनका संग्रह ही रुद्राभिषेक है। आयोजकों की मानें तो यह विश्व मे पहली बार है, जब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने घर मे बैठकर रुद्राभिषेक किया हो।