लखनऊ में फिर टूटेंगे एक हजार मकान! अकबरनगर के बाद कुकरैल नदी के इन इलाकों में चलेगा बुलडोजर
Lucknow News: सिंचाई विभाग ने नोटिस जारी किया है कि कुकरैल नदी के 50 मीटर को दायरे में अगर कहीं भी कोई निर्माण है तो उसको तोड़ा जाएगा. इसको लेकर विभाग ने 1000 मकान पर लाल निशान लगाए गए हैं.
Lucknow Demolition News: लखनऊ में कुकरैल नदी के किनारे कुकरैल रिवर फ्रंट बनाने की योजना है. इस कारण कुकरैल नदी के किनारे 50 मीटर के दायरे में बने मकानों, दुकानों, फ्लैटों पर एलडीए बुलडोजर चलवा रहा है. अकबरनगर फेस 1 और 2 मिलाकर तकरीबन 1400 के करीब मकान तोड़े गए हैं. उसके बाद अब रहीम नगर, खुर्रम नगर की तरफ आगे बढ़ रहा है. यहां भी सिंचाई विभाग ने सर्वे किया है जिसमें करीब 1000 मकान पर लाल निशान लगाए गए हैं. इन मकानों के मालिकों को ब्योरा एलडीए दर्ज कर रहा है, और उन्हें उससे सूचित किया जा रहा है.
अकबरनगर के बाद कुकरैल रिवर फ्रंट के दायरे में आ रहा है रहीम नगर, खुर्रम नगर, इंद्रप्रस्थ नगर, पंतनगर, अबरार नगर में हुए सर्वे में तकरीबन 1000 मकान जद में आए हैं. इन जगहों पर सिंचाई विभाग ने ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम की मदद से सर्वे शुरू किया था. सर्वे की टीम के मुताबिक अकबरनगर के बाद इब्राहिम नगर से कुकरेल नदी की धारा के 50 मीटर के दायरे में बाएं और जितने भी मकान आएंगे वह तोड़े जाएंगे. नदी के किनारे किनारे दो किलोमीटर के दायरे में यह कार्रवाई होगी. इसमें करीब 1000 मकान पर बुलडोजर चलेगा.
एलडीए अवैध निर्माण करने वालों जारी करेगा नोटिस
सिंचाई विभाग का सर्वे पूरा हो जाने के बाद एलडीए ने अवैध निर्माण वाले मकान का सर्वे आज से शुरू किया है. इसके लिए पांच टीमें बनाई गई हैं. इस सर्वे के दौरान एक-एक मकान के मालिक का नाम और उसके परिवार के सदस्यों का नाम सहित ब्योरा दर्ज हो रहा है. इसमें एलडीए के साथ प्रशासन और नगर निगम के अधिकारी भी सदस्य बनाए गए हैं.
ब्योरा जुटाने के बाद एलडीए अवैध निर्माण करने वालों को नोटिस जारी करेगा. नोटिस में एक मियाद दी जाएगी जिसमें लोगों को अपना अवैध निर्माण खुद तोड़ना होगा और अगर इस मियाद में लोग अपना अवैध निर्माण नहीं तोड़ते हैं तो उसको एलडीए खुद ध्वस्त कराएगा.
''नहीं तोड़ने देंगे मकान''
सर्वे के दौरान स्थानीय लोग लामबंद हुए और लोगों ने कहा कि वह अपना मकान नहीं तोड़ने देंगे. इस दौरान स्थानीय लोगों ने संघर्ष समिति का गठन भी किया है, जिसमें तय हुआ है कि वे अपनी लड़ाई मजबूती के साथ लड़ेंगे. लोगों ने कहा कि उनके पास अपनी जमीन के कागज के साथ-साथ खारिज दाखिल भी मौजूद है और इसलिए वह गलत नहीं है.
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