लखनऊ: योगी सरकार के मिशन शक्ति को बेटियों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है. मिशन शक्ति के पहले चरण को जन-जन तक पहुंचाने में 34 लाख बेटियों ने सहभागिता की है. समग्र शिक्षा की ओर से 17 से 25 अक्टूबर तक आयोजित कार्यक्रमों में रिकॉर्ड संख्या में छात्राओं और महिलाओं ने सहभागिता की. इस दौरान आयोजित कार्यक्रमों के जरिए छात्राओं को उनके मौलिक अधिकार, शिक्षा के अधिकार, बाल अधिकार के साथ ही पास्को एक्ट, घरेलू हिंसा और बाल विवाह अधिनियम के बार में जागरूक किया गया.
हेल्प लाइन नंबरों के बारे में दी गई जानकारी
छात्राओं को आवश्यक हेल्प लाइन नंबरों 112, 1098, 1090, 1070 और 181 की जानकारी दी गई. उनकों आवश्यकता पड़ने पर इनके इस्तेमाल का तरीका भी बताया गया. राज्य मंत्री बेसिक शिक्षा ने इस दौरान 550000 बेसिक शिक्षकों के जरिए मिशन शक्ति के संदेश और जागरुकता को प्रदेश के हर कोने में पहुंचाने की शुरूआत की.
बेटे और बेटियों के बीच खत्म हो सके भेदभाव
लैंगिक समानता के एक ऑन लाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान 307 जिला संयोजकों के जरिए सेमेस्टर आधारित फीडबैक देने को कहा गया. 1050 शैक्षिक संसाधन व्यक्तियों को लैंगिक समानता पर प्रशिक्षण दिया गया. समग्र शिक्षा की तरफ से चलाई जा रही जागरूकता मुहिम में 5 लाख अभिभावकों को स्कूल में होने वाले जागरूकता कार्यक्रमों में आमंत्रित किया गया और इनके द्वारा 20 लाख से ज्यादा अभिभावकों को लैंगिक समानता के मुद्दे को लेकर जागरूक किया गया, जिससे कि वे बेटे और बेटियों के बीच भेदभाव को खत्म करें.
गलत हरकत की जानकारी दें बच्चे
अभियान के तहत स्कूल स्तर पर करीब डेढ़ लाख व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए जिसके जरिए 30 लाख अभिभावकों को जोड़ा गया और इन ग्रुप के जरिये गंभीर मुद्दों पर जागरूक करने वाले संदेश नियमित तौर पर प्रसारित किए जा रहे हैं. सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के साथ 6 लाख से ज्यादा बच्चों को स्कूल बुलाकर समझाया गया कि उनके साथ यदि कोई भी गलत हरकत करता है तो उसका विरोध करने के साथ ही इसकी जानकारी तुरंत अपने अभिभावकों को भी दें.
वीडियो भी दिखाए गए
व्हाट्सएप ग्रुप पर छूने के सही और गलत तरीकों, बाल विवाह और लैंगिक असमानता से जुड़े वीडियो भी दिखाए गए. 5 लाख शिक्षकों की मदद से लगातार अभिभावकों में लैंगिग समानता के बारे में जागरूक किया जा रहा है. मिशन शक्ति के पहले चरण में नौ दिन के सभी जागरूकता कार्यक्रम अलग-अलग विषय आत्मरक्षा, शिक्षा का अधिकार, पास्को, बाल विवाह, घरेलू हिंसा और बाल अधिकार समेत अन्य मुद्दों पर आधारित थे. अभियान के तहत कानपुर देहात के जिला उद्योग केंद्र की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में महिलाओं को स्वरोजगार योजना के तहत स्वीकृत लोन का चेक दिया गया.
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