UP News: राजधानी लखनऊ (Lucknow) के हजरतगंज स्थित लेवाना होटल (Levana Hotel) को लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) ने सील कर दिया है. इस होटल में 5 सितंबर को आग लग गई थी जिसमें चार लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी जबकि 10 लोग झुलस गए थे, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. इस घटना के बाद से फायर सेफ्टी (Fire Safety) को लेकर प्रशासन सख्त हो गया है और सभी जिलों में मौजूद होटल, गेस्ट हाउस और ऊंची इमारतों की जांच की जा रही है. 


बिना नक्शे के बनाई गई थी होटल की इमारत


लेवाना होटल मामले में जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का भी गठन किया गया था. विकास प्राधिकरण ने जब इस होटल से जुड़े नक्शे और बाकी चीजों को देखना शुरू किया तो पता चला कि इसका नक्शा पास ही नहीं है. होटल अवैध रूप से चल रहा था. इसके बाद होटल को सील करने के आदेश दिए गए. आज दोपहर में लखनऊ विकास प्राधिकरण का प्रवर्तन दल मौके पर पहुंचा और होटल को सील कर दिया. होटल पर पट्टी लगाई गई जिस पर लिखा था कि यह अवैध निर्माण है. होटल की दीवार पर भी लिख दिया गया है कि इस भवन को सील किया जा रहा है. अब जल्द ही एलडीए इस होटल की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करेगी.  


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पूरे प्रदेश में होटलों की चल रही हैं जांच


लेवाना होटल में लगी आग इतनी भयंकर थी कि छह घंटे से अधिक समय तक राहत कार्य़ चलाना पड़ा था. घटना में चार लोगों की मौत हुई थी जिसमें से दो की दम घुटने से मौत हुई थी. उधर, होटल में आग लगने की घटना के बाद से सभी जिलों के होटल की जांच चल रही है. इसमें कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, किसी होटल के पास एनओसी नहीं है तो किसी का नक्शा ही पास नहीं है. प्रयागराज में 142 होटलों की जांच में यह पता चला कि 40 होटल फायर सेफ्टी नियमों का पालन नहीं कर रहे थे, इन सभी को नोटिस भेजा गया है. वहीं बरेली में तो और भी हैरान करने वाली बात सामने आई है. यहां के 90 फीसदी होटलों के पास तो फायर डिपार्टमेंट का एनओसी ही नहीं है.


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