Lucknow airport : लखनऊ स्थित चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर आज उस वक्त अफरा तफरी का माहौल हो गया जब एयरपोर्ट पर रेडियोएक्टिव लीक हुआ. इस दौरान दो-तीन कर्मचारियों के बेहोश होने की खबर सामने आई. इसी अफरा तफरी के माहौल में एयरपोर्ट प्रशासन ने तुरंत NDRF , SDRF ,लोकल पुलिस को सूचित किया . इसके बाद डेढ़ किलोमीटर का एरिया खाली कराया गया और एहतियात के तौर पर लोगों की एंट्री को भी बंद कर दिया गया. तकरीबन 1 घंटे तक हुई जांच पड़ताल के बाद स्थिति के सामान्य होने पर एयरपोर्ट पर संचालन वापस से शुरू कर दिया गया है.

लखनऊ एयरपोर्ट के प्रवक्ता रूपेश जानवे ने अपना बयान जारी करते हुए कहा कि कैंसर रोगियों के लिए दवाइयों से भरी एक खेप ने लखनऊ एयरपोर्ट के कार्गो क्षेत्र में रेडियोधर्मी पदार्थ के लिए अलार्म सक्रिय कर दिया. अलार्म के कारण का पता लगाने के लिए बुलाए गए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल ने खेप को सुरक्षित घोषित कर दिया है. मीडिया में अफवाहों के अनुसार कोई हताहत नहीं हुआ है और जान-माल का कोई खतरा नहीं है. एयरपोर्ट पर परिचालन सामान्य रूप से चल रहा है और हवाई यातायात पर कोई असर नहीं पड़ा है.

एयरपोर्ट पर दो कर्मचारी हुए बेहोश
आपको बता दें कि लखनऊ एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 पर एक फ्लाइट जो लखनऊ से गुवाहाटी जा रही थी. उसकी स्क्रीनिंग के दौरान मशीन से बीप की आवाज आने लगी और जब कर्मचारियों ने उस बॉक्स को खोला. जिसमें से बीप की आवाज आ रही थी तो उसमें से तेजी से गैस निकली. जिस कारण वहां एक दो कर्मचारी बेहोश हो गए. कर्मचारियों के बेहोश होते ही वहां भगदड़ मच गई और लोग इधर-उधर भागने लगे. इसके बाद तुरंत एयरपोर्ट प्रशासन ने इलाका खाली करवाया और फिर एसडीआरएफ को सूचना दी गई. एसडीआरएफ को सुबह 9:55 पर सूचना मिली.

क्या बोली रेडिएशन सेफ्टी ऑफिसर
रेडिएशन सेफ्टी ऑफिसर सौम्या तिवारी ने अपने बयान में कहा कि एयरपोर्ट की सूचना पर मैं यहां पहुंची हूं. हमे रेडियोएक्टिव की सूचना मिली थी. मौके पर हमने उपकरणों से जांच की तो ऐसा कुछ नही पाया गया. कुछ कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयां भेजी जा रही थी. कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों में रेडिएशन होता है. जांच की गई है और यहां स्थिति पूरी तरीके से सामान्य है. सौम्या तिवारी ने कहा कि यह एक फॉल्स अलार्म था जो अब पूरी तरीके से क्लियर हो गया.

'किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ'
SDRF के कमांडेंट मिथलेश कुमार तिवारी ने कहा कि हमे करीब 9 बजकर 50 मिनट पर सूचना मिली थी. मौके पर हमारी SDRF और NDRF ,स्थानीय पुलिस व फायर की टीमें पहुची. हमने चेक किया पर किसी तरह का कोई लीकेज नही था.हमेशा  की तरह कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइया भेजी जा रही थी ,जिसमे फ़्लोरिन का इस्तेमाल होता है. किसी तरह का किसी को कोई नुकसान नही हुआ है. एनडीआरएफ के भी 48 जवान लगे थे, लोकल पुलिस भी मौके पर पहुंची और रेडिएशन सेफ्टी ऑफिसर को भी मौके पर बुलाया गया.  


ये भी पढ़ें: स्क्रैप कारोबारियों से ठगी करने वाला नटवरलाल गिरफ्तार, अब तक करोड़ों रुपये का लगा चुका है चूना