Lucknow News: लखनऊ विकास प्राधिकारणक की कार्रवाई के विरोध में इलाहाबाद हाईकोर्ट याचिका लगाई थी. जिस पर अदालत मकान को तोड़ने के खिलाफ पड़ी याचिका पर फिलहाल रोक लगा दी है. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 जनवरी की तारीख मुकर्रर की है. जिसके मद्देनजर प्रशासन ने सुरक्षा के इंतजाम कर दिये हैं.
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने राजधानी लखनऊ के इंदिरा नगर स्थित अकबरनगर के अवैध मकानों को तोड़ने के लिए खिलाफ पड़ी याचिका पर रोक लगा दी है. अदालत ने मामले की अगली सुनावाई के लिए 22 जनवरी को तय की है. लेकिन इस बीच लखनऊ जिला प्रशासन वहां नजर बनाए रखने के लिए 24 घंटे अपने अफसर को तैनात रखेगा. लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) में हुई बैठक में अफसरों ने इलाके में फैलने वाली अलग-अलग तरह के अफवाहों को विराम देने और लोगों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अगली सुनवाई तक 24 घंटे कैंप करने की नीति बनाई है.
एलडीए में मंडलायुक्त रोशन जैकब, डीएम सूर्यपाल गंगवार ,एलडीए वीसी डॉक्टर इंद्रमणि त्रिपाठी ,नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह समेत कई बड़े अधिकारियों ने बैठक कर आगे की रणनीति बनाई है. रणनीति के तहत अकबरनगर क्षेत्र में अफसर द्वारा कर्मचारियों की ड्यूटी तय की जाएगी इसके साथ ही एक जोनल अधिकारी को इसका नोडल अधिकारी बनाकर उसकी पूरी जिम्मेदारी दी जाएगी. इस मामले में बड़े अधिकारियों ने एलडीए से पूरे विषय पर जानकारी लेते हुए ही ये रणनीति बनाई है.
बाढ़ प्रभावित है इलाका
अकबरनगर में जिस जगह पर यह मकान बने हैं, वह अधिकतर क्षेत्र कुकरेल नदी का हिस्सा है. वहीं सिंचाई विभाग कि पिछले दिनों आई रिपोर्ट के मुताबिक यह क्षेत्र काफी असुरक्षित है और बाढ़ जैसे हालातों से निपटने के लिए यह जगह ठीक नहीं है. सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक कुकरैल नदी में अगर बाढ़ आई तो पूरा अकबर नगर डूब जाएगा. एलडीए ने हाई कोर्ट में भी इसी रिपोर्ट को पेश किया है.