Akhilesh Yadav on Girl Suicide Case: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही लखनऊ की छात्रा ने जिंदगी से निराश होकर सुसाइड कर लिया. छात्रा पिछले 5 वर्षों से सरकारी नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटी थी. परीक्षा में सफलता नहीं मिलने पर निराश छात्रा ने फांसी के फंदे से झूलकर जान दे दी. मूल रूप से रायबरेली की रहने वाली छात्रा ने खुदकुशी नोट लिखा है. पुलिस को कमरे से सुसाइड नोट बरामद हो गया है. सुसाइड नोट की पुलिस जांच कर रही है. बेटी की मौत से पिता ओंकार सिंह सदमे में हैं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर सरकार से सवाल पूछा है.


छात्रा की खुदकुशी पर अखिलेश यादव ने सरकार को घेरा


अखिलेश यादव ने लिखा कि नौकरी नहीं मिलने से निराश प्रतियोगी छात्रा का आत्महत्या करना अत्यंत दुखद और चिंतनीय विषय है. बीजेपी के पास न वर्तमान की समस्याओं का जवाब है और न भविष्य का सपना… बीजेपी का जाना ही समाधान है. अखिलेश यादव ने पोस्ट के माध्यम से बीजेपी की सरकार पर निशाना साधते हुए मौजूदा समय में सरकारी नौकरियों का न होना कारण बताया. 




माता पिता को संबोधित सुसाइड नोट में छात्रा ने लिखा, "मुझे माफ कर दीजिएगा, मैं आप लोगों के सपने को पूरा नहीं कर पाई. ना ही नौकरी मिल पाई, ना ही शादी के लिए अच्छा रिश्ता मिला. रिश्ते की तलाश में पापा को नाकामी हाथ लगती है. शायद मेरी किस्मत ही खराब है. मैं इतने दिनों के लिए ही दुनिया में आई थी. आप सब लोग अपना ध्यान रखना. आशु ,दीक्षा अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना. खुदकुशी के लिए मैं खुद जिम्मेदार हूं. इसलिए जांच पड़ताल की जरूरत नहीं है. मेरी गलती पर माफ कर दीजिएगा."





माता-पिता को संबोधित सुसाइड नोट में बयान किया दर्द


छात्रा ने आगे लिखा, "मुझे पता है मैं आप लोगों को परेशान कर रही हूं, लेकिन मेरे पास कोई दूसरी चॉइस नहीं है. पापा आज मैंने सब से बात कर ली है. मम्मी पापा आप सब मुझे माफ कर दीजिएगा. मैं एक अच्छी लड़की नहीं बन पाई और ना ही आप लोगों के लिए कुछ कर पाई कि आपको मुझ पर गर्व हो. मैंने कभी अपने लिए नहीं सोचा. बस पापा- मम्मी आप सबके लिए ही रही."


सुसाइड नोट में लिखा, "आशु, दीक्षा मैं किसी के काबिल नहीं. आशु भैया मैं जा रही हूं लेकिन अब तुम्हें मम्मी पापा का ध्यान रखना और अपना सपना पूरा करना है. अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना. एंट्रेंस पेपर देकर पॉलिटेक्निक करना है. इसके बाद सिविल बीटेक की तैयारी करके इंजीनियर बनना है. मेरा पासवर्ड नंबर मेरे व्हाट्सएप पर है. बाकी दीक्षा के लिए क्या ही बोलूं. अब वह समझदार और बड़ी हो गई है."


साथ ही ये भी कहा, "उसे अब मेरी क्या जरूरत. लेकिन तुम दोनों लड़ाई ज्यादा नहीं करना. हमेशा एक दूसरे के साथ पापा का ध्यान रखना. आशु कभी दूसरों के लिए अपनी जिंदगी खराब नहीं करना. पहले अपना कैरियर बनाना फिर कुछ और सोचना. दीक्षा तुम भी भैया से ज्यादा लड़ाई मत करना. एक दूसरे का सहारा बनना.अब तुम लोगों को कोई मेरे जैसे चिल्लाने वाला नहीं होगा." 


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